रायपुर. तिल्दा के जनपद कार्यालय से भाजपा प्रत्याशी का फिल्मी स्टाइल में अपहरण का मामला सामने आया है. जनपद क्षेत्र क्रमांक 18 से भाजपा प्रत्याशी योगेश दास गुरु गोसाई नामांकन भरने आए थे, तभी कुछ अपहरणकर्ताओं ने उन्हें अगवा कर लिया और फरार हो गए. इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. भाजपाइयों ने इस मामले की शिकायत तिल्दा थाने में की है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है.
बताया जा रहा कि यह घटना लंबे समय से चली आ रही पंचायत राजनीति से जुड़ी हुई है. पचरी पंचायत में कई सालों से कोई नामांकन नहीं हुआ था, लेकिन इस बार योगेश दास ने नामांकन दाखिल करने का फैसला लिया था, लेकिन नामांकन के दौरान ही उनका अपहरण हो गया. पीड़ित पक्ष ने जनपद उपाध्यक्ष टिकेश्वर मनहरे पर अपहरण करवाने का आरोप लगाया है. पुलिस ने उसके खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया है. बता दें कि टिकेश्वर सोनू मनहरे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री और नगर पंचायत खरोरा के चुनाव प्रभारी वेदराम मनहरे का सगा छोटा भाई है.
दबाव बढ़ता देख प्रत्याशी को रायपुर में छोड़कर अपहरणकर्ता फरार
घटना की जानकारी मिलने के बाद भाजपा के आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने तिल्दा पहुंचकर थाने में धरना दिया और एफआईआर दर्ज कराई. वहीं दबाव बढ़ता देख अपहृत योगेश दास को रायपुर में छोड़कर अपहरणकर्ता फरार हो गए. फिलहाल तिल्दा पुलिस ने अपहरण समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा नेता वेदराम मनहरे पर संरक्षण का आरोप
गौरतलब है कि आरोपी टीकेश्वर सोनू मनहरे भाजपा नेता वेदराम मनहरे के छोटे भाई हैं और उन पर लंबे समय से चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी और हिंसा में संलिप्त होने के आरोप लगते रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले 15 वर्षों से तिल्दा नेवरा जनपद पंचायत क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही है, जिससे इच्छुक प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से रोका जाता है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित होती है.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
तिल्दा नेवरा थाना पुलिस ने 140(3) अपहरण जैसे विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आरोपों की गंभीरता को देखते हुए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं और आगे की कानूनी कार्रवाई जल्द की जाएगी. प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है.
लोग बोले – लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा अनिवार्य
इस घटना के बाद क्षेत्र में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है और आम नागरिकों में आक्रोश देखा जा रहा है. लोकतंत्र की रक्षा और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.