रायपुर। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत प्रदेश के निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए प्राप्त आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है। प्रदेशभर से आरटीई के तहत एक लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं। नोडल अधिकारियों की तरफ से प्राप्त आवेदनों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। छंटनी कर पात्र-अपात्र की सूची बनाई जाएगी। अभी तक 24 हजार 52 छात्रों के आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं।
गौरतलब है कि आरटीई (RTE) के तहत छह मार्च से 10 अप्रैल तक आवेदन मंगवाए गए थे। लगभग 54 हजार सीटों के लिए प्रदेशभर में एक लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं। 11 अप्रैल से प्राप्त आवेदनों की छंटनी चल रही है, जो 11 मई तक चलेगी। अभी तक हो पाई छंटनी के अनुसार 24 हजार 52 छात्रों को प्रवेश के लिए पात्र माना गया है। प्रथम चरण के प्रवेश के लिए 15 मई को लाटरी निकाली जाएगी। लाटरी में नाम आने के बाद छात्र को स्कूल आबंटित किया जाएगा। 16 जून से स्कूलों में आरटीइ के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।
इस साल आरटीई की सीटें हुईं कम
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसद सीटें आरक्षित रहती हैं। इस लिहाज से इस साल प्रदेश में आरटीई की सीटों में कमी आई है। इस शिक्षा सत्र में प्रदेशभर में निजी स्कूलों में 53 हजार 950 सीटें आरक्षित हैं। पिछले शिक्षा सत्र में प्रदेशभर में आरटीई की लगभग 80 हजार सीटें थीं। शिक्षा विभाग की तरफ से नियम में हुए बदलाव के कारण सीटों में कमी आई है। अभी तक कई स्कूलों में पहली और नर्सरी दोनों कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाता था, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से इस सत्र में सिर्फ एक ही कक्षा में प्रवेश दिया जा सकेगा। इस कारण से आरटीई की सीटों में कमी आई है।
एक जुलाई से दूसरे चरण के लिए आवेदन होंगे शुरु
आरटीई के तहत प्रवेश के लिए दूसरे चरण के लिए आवेदन एक जुलाई से शुरू होंगे, जो छात्र प्रथम चरण में आवेदन करने से छूट गए हैं, वो दूसरे चरण में 15 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। 27 जुलाई को लाटरी और स्कूल आबंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। तीन अगस्त से आबंटित स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।
तीन महीने पीछे हो जाते हैं छात्र
प्रदेश के अधिकतर निजी स्कूलों का नया शिक्षा-सत्र एक अप्रैल से शुरू हो जाता है। आरटीई के तहत प्रथम चरण में प्रवेश पाने वाले बच्चों का प्रवेश 16 जून से शुरू होता है। दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया 14 अगस्त तक चलती है। इस लिहाज से 14 अगस्त को प्रवेश लेने वाले छात्र, अप्रैल से पढ़ रहे छात्रों के मुकाबले तीन महीने पीछे हो जाते हैं।