बजट सत्र : सदन में गूंजा पीएम आवास और अनुकंपा नियुक्ति का मामला, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और विधायक आशीष छाबड़ा ने उठाए सवाल

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रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सदन का माहौल इन दिनों गर्म है। पक्ष और विपक्ष के सदस्य सदन में सरकार से कई सवालों का जवाब मांग रहे हैं। आज नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने पीएम आवास का मुद्दा उठाया, तो विधायक आशीष छाबड़ा ने शिक्षाकर्मियों के अनुकंपा नियुक्ति के नियम सरकार से पूछें।

विदित हो कि आज ही प्रधानमंत्री आवास की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ भाजपा का विधानसभा घेराव आज है। आंदोलन को लेकर भाजपा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि, प्रधानमंत्री आवास मुद्दे पर भाजपा विधायक दल के सदस्य प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलेंगे। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से समय मांगा है। भेंट के दौरान प्रधानमंत्री आवास और अन्य मुद्दों को लेकर शिकायत करेंगे। पीएम आवास मामले पर नारायण चंदेल ने कहा – हमारे आंकड़े पर प्रदेश सरकार को भरोसा नहीं है, तो टीएस सिंहदेव के दिए आंकड़ों पर प्रधानमंत्री आवास बनाकर हितग्राहियों को दें।























भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा : मंत्री चौबे
भाजपा के विधानसभा घेराव को लेकर पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा – अब भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। हमारी सरकार ने कहा है, हम पात्र हितग्राहियों को मकान देंगे। पीएम और राष्ट्रपति से मुलाकात पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा- भाजपा नेताओं को प्रदेश हित में मुलाकात करना ही चाहिए। किसानों के मुद्दे पर तो उन्होंने पीएम को चिट्ठी तक नहीं लिखी। प्रधानमंत्री से मिले तो छत्तीसगढ़ के हितों पर भी बात रखनी चाहिए। मंत्री चौबे ने कहा प्रधानमंत्री आवास के मुद्दे का जनता पर कोई असर नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने पहले ही पात्र लोगों को मकान देने की घोषणा की है।

शिक्षाकर्मियों के अनुकंपा नियुक्ति का मामला गूंजा
कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने सदन में पूछा कि प्रदेश में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के लिए अनुकंपा नियुक्ति के क्या – क्या नियम है ? विधायक आशीष छाबड़ा के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, अनुकंपा नियुक्ति शासकीय कर्मचारियों के लिए है।

शिक्षाकर्मियों का कैडर समाप्त हो गया : मुख्यमंत्री
शिक्षाकर्मियों का कैडर समाप्त हो गया है, इसलिए उनके अनुकंपा नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है, जो आवेदन आए थे उनकी जांच कराई गई। कुछ अपात्र पाए गए। सिर्फ 9 आवेदक ही पात्र थे, लेकिन कैडर समाप्त होने की वजह से उन्हें भी नियुक्ति नहीं दी जा सकी.



































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