सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती में CHO अपहरण केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सरायपाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सीएचओ अनुपमा जलतारे के अपहरण की कहानी खुद युवती ने ही रची थी। अपने बॉयफ्रेंड के साथ इस पूरे कारनामे को अंजाम दिया। युवती ने अपने घरवालों के बचने के डर से पुरी कहानी रची और इसी के तहत भाई कलेश्वर जलतारे को फिरौती के लिए फोन भी कराया। पुलिस ने दोनों को बिलासपुर के एक OYO होटल से बरामद कर लिया है। इस अपहरणकांड की एफआईआर भी पुलिस ने कर ली थी। लेकिन, पूरा मामला फर्जी निकला। पुलिस फिलहाल युवती और उसके बॉयफ्रेंड से पूछताछ कर पूरे मामले की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है। बिलासपुर आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि सक्ती में अपहरण के मामले में जानकारी के अनुसार सीएचओ अनुपमा अनुपमा अपने छोटे भाई के साथ सराईपाली में ही रहती थी। वह अपने भाई के साथ सक्ती आई थीं। वे सक्ती के कचहरी चौक के फल दुकान से फल खरीद रही थीं, तभी वह अचानक गायब हो गई। कुछ देर बाद भाई के पास फिरौती के लिए फोन आया, तो वह डर गया। सुबह फिर फोन आया तो उसने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि जिस जगह अपहरण की बात कही जा रही है, वहां से अपहरण की पुष्टि नहीं हुई। सीएचओ के भाई का कहना है कि वे फल खरीद रहे थे, तभी उनकी बहन वहां नहीं मिली। कुछ देर बाद उनके पास फिरौती का फोन आया। 15 लाख रुपए की मांग की गई है।
पूरे मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि महिला का किडनैप नहीं हुआ था, बल्कि वो खुद अपने ब्वायफ्रेंड के साथ भागी थी। युवती को बिलासपुर से बरामद कर लिया गया है। किडनैपिंग की खबर से सनसनी फैल गयी थी। पुलिस किडनैपिंग को पहले से ही सच नहीं मान रही थी। बावजूद पुलिस ने पूरी तत्परता के साथ जांच शुरू की, तो कुछ ही घंटों में मामला सामने आ गया। जांच में पता चला कि युवती अपने बॉयफ्रेंड के साथ मर्जी से भागी थी और गुमराह करने के लिए उसने किडनैपिंग की झूठी साजिश रची और घर में फिरौती मांगने के लिए भी कॉल करवाया। युवती के कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन की भी जांच की गई। जांच में युवती अनुपमा की लोकेशन बिलासपुर में मिली। इसके बाद पुलिस टीम जब बिलासपुर पहुंची तो वह अपने प्रेमी के साथ मिली। फिलहाल युवती को सकुशल बरामद कर लिया गया है। पुलिस उसे लेकर सक्ती रवाना हो गयी है।