अंबिकापुर। ACB ने रिश्वतखोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। टिम ने अंबिकापुर में अस्पताल के लेखापाल और बाबू को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। जबकि सूरजपुर में पटवारी को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया है।






एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सरगुजा व सूरजपुर जिले में छापा मारकर कार्रवाई की है। उदयपुर अस्पताल में पदस्थ लेखापाल व बाबू टीए बिल के भुगतान के एवज में वहां पदस्थ कर्मचारी से 10 हजार रुपए की रिश्वत ली। जबकि सूरजपुर जिले के डुमरिया हल्का में पदस्थ पटवारी चौहद्दी काटने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेता पकड़ा गया।
मिली जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले के उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कर्मचारी आशु खलखो से वहां पदस्थ लेखापाल नंदराम पैंकरा और कौशलेंद्र पांडेय को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया है। लेखापाल अंबिकापुर के वार्ड क्रमांक 8 महुआपारा निवासी नंदराम पैंकरा पिता स्व. रामसाय 57 वर्ष व बाबू उदयपुर के ग्राम जामडीह निवासी कौशलेंद्र प्रसाद पांडेय 43 वर्ष ने टीए बिल बनाने के लिए 10 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। पीडि़त कर्मचारी ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर में की थी। शिकायत की पुष्टि करने के बाद एसीबी की टीम ने शिकायतकर्ता को गुरुवार की दोपहर केमिकल लगे 10 हजार रुपए के नोट देकर लेखापाल और बाबू को देने के लिए उदयपुर अस्पताल भेजा। जैसे ही शिकायतकर्ता कर्मचारी ने लेखापाल को पैसे दिए ACB की टिम ने अस्पताल के लेखापाल और बाबू को पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया।
इसी तरह सूरजपुर जिले के डुमरिया गांव में पदस्थ पटवारी भानु सोनी को ACB की टिम ने 20,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी पटवारी ने जमीन की चौहद्दी व नामांतरण की प्रक्रिया में घूस मांगने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक पीड़ित व्यवसायी की जमीन से जुड़े नामांतरण और सीमांकन के मामले में पटवारी भानु सोनी लगातार टालमटोल कर रहा था। कई दिन तक घुमाने के बाद पटवारी ने काम करने के लिए 20 हजार रुपये देने पर तत्काल काम करने का आश्वाशन दिया। इसके बाद पीड़ित व्यवसायी ने इसकी शिकायत ACB में कर दी
