बिलासपुर। सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) ने फिर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। महज डेढ़ साल में जिले के जरूरत मंद 33 कैंसर मरीजों को ठीक करने का काम किया है। वही यह प्रक्रिया सतत जारी है, धीरे धीरे कैंसर मरीज के इलाज में भी सिम्स अपनी पहचान बनाता जा रहा है।
जिले के सरकारी अस्पतालों में डेढ़ साल पहले तक कैंसर मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी, ऐसे में कैंसर मरीजों को बड़े निजी अस्पताल या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड़ता रहा। इस दौरान उन कैंसर मरीजों को इलाज कराने बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, जो आर्थिक रूप से कमजोर रहे।
वही इन समस्याओं को देखते हुए ही लगभग डेढ़ साल पहले सिम्स में कैंसर डिपार्टमेंट की शुरूआत की गई और कैंसर वार्ड व ओपीडी चालू की गई। जहां डिपार्टमेंट के एचओडी कैंसर विशेषज्ञ डाक्टर चंद्रहास ध्रुव को बनाया गया।
जिसके बाद जिले के गरीब तपके के कैंसर मरीजों के इलाज का राह खुल गई। वहीं अब डेढ़ साल के भीतर कैंसर के ऐसे 33 मरीज मिले, जिनका समय पर इलाज चालू नहीं किया जाता तो मौत होना तय था, इसके बाद डाक्टर चंद्रहास ध्रुव और उनकी टीम ने इन मरीजों का इलाज शुरू किया।
जिसमें दवा, सिकाई, कीमोथेरेपी के लिए मरीजो को रायपुर एम्स तक भेजा गया और सतत निगरानी व दवाओं के माध्यम से इन 33 मरीजों को जानलेवा कैंसर बीमारी से बचाने में सफल हुए, वही अब ये सभी मरीज पूरी तरह से सामान्य जीवन वयतीत कर रहे है।
दो करोड़ हुए खर्च, मुख्यमंत्री सहायता योजना साबित हो रहा वरदान
सिम्स अब जिले के कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। क्योंकि ओपीडी में लगातार मरीज पहुंच रहे है और कैंसर मरीजों की पहचान की जा रही है। इसमें ऐसे मरीज जो अपना इलाज कराने में सक्षम नहीं है। उनका चयन कर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत इलाज करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना का भी इन मरीजों के इलाज बड़ा योगदान निभा रहा है, जिसने इन मरीजों के इलाज के लिए दो करोड़ रुपये खर्च किए है।