राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी की मंगलवार (2 मई) को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में लंबी बीमारा के बाद निधन हो गया. उनके बेटे तुषार गांधी ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 2 बजे के बाद कोल्हापुर में किया जाएगा.
अरुण गांधी का जन्म 14 अप्रैल 1934 को डरबन में मणिलाल गांधी और सुशीला मशरूवाला के घर हुआ था. वह अपने दादा राष्ट्रपिता के ही नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने लेखक और एक्टिविस्ट के रूप में महाराष्ट्र के लोगों की सेवा की. उन्होंने अपने दादा-दादी से जुड़ी कई किताबों का लेखन किया.
उम्र भर गांधीवादी मूल्यों के प्रचारक रहे अरुण
उनके परिवार में उनके बेटे तुषार, बेटी अर्चना, चार पोते और पांच परपोते हैं. अरुण गांधी खुद को शांति का पुजारी कहते थे. उन्होंने बेथानी हेगेडस और इवान तुर्क के सचित्र ‘कस्तुरबा, द फॉरगॉटन वुमन’, ‘ग्रैंडफादर गांधी’, ‘द गिफ्ट ऑफ एंगर: एंड अदर लेसन फ्रॉम माई ग्रैंडफादर महात्मा गांधी’ जैसी किताबें लिखीं. उन्होंने अपने दादा के पदचिन्हों पर चलते हुए शांति, सौहार्द की स्थापना के लिए गांधी वादी मूल्यों का सदैव प्रचार किया.