रांची| झारखंड में हाथियों के दो अलग-अलग हमलों में चार लोगों की जान चली गई है। लातेहार जिले के चंदवा में हाथियों ने एक ही परिवार के तीन लोगों को कुचल डाला, जबकि गिरिडीह में भी एक व्यक्ति इनके हमले में मारा गया है।
लातेहार की घटना के बारे में बताया गया कि एक दर्जन हाथियों का झुंड बीती रात एक से दो बजे के बीच चंदवा की माल्हन पंचायत में एक ईंट भट्ठे पर पहुंचा। भट्ठे पर कई मजदूर और उनके घरों के लोग सो रहे थे। हाथियों ने न सिर्फ भट्ठे को पूरी तरह तहस-नहस कर डाला, बल्कि पास में सो रहे एक परिवार के मुखिया पनुआ भूइंया, उसकी पत्नी बबिता देवी और पुत्री मंजिशा कुमारी को पांवों से रौंदकर और सूंढ़ से लपेटकर मार डाला।
भट्ठे पर मौजूद बाकी मजदूर किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहे। बताया गया कि बबिता देवी ने अपनी बच्ची को गोद में लेकर भागने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने सूंड़ में दबोच लिया और इसके बाद दोनों को पटक कर और कुचल कर मार डाला। बबिता देवी के पति फानु भुइयां को भी एक हाथी सूंढ़ में लपेटकर काफी दूर ले गया और इसके बाद कुचलकर मार डाला। यह परिवार गढ़वा के भंडरिया महागामा सरायडीह का रहने वाला था। पति-पत्नी दोनों चंदवा स्थित ईट भट्टा मजदूरी करते थे। मृतक के पिता महेंद्र भुइंया का कहना है कि बेटे-बहू और पोती की मौत से उसके परिवार की रीढ़ टूट गई है। बेटे-बहू की कमाई से ही घर का गुजारा चलता था।
इधर पुलिस और वन विभाग की टीम सुबह मौके पर पहुंची। तीनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। माल्हन पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का झुंड अक्सर गांव पर हमला कर देता है जिस कारण से जानमाल की क्षति होती है। वन विभाग हाथियों को नियंत्रित करने में विफल रहता है।
हाथियों के उत्पात की दूसरी घटना गिरिडीह के बिरनी प्रखंड अंतर्गत वृंदा गांव की है। यहां शुक्रवार सुबह हाथियों ने लखन रविदास नामक एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला। हाथियों ने गांव में आंगनबाड़ी केंद्र भवन समेत कई घरों के दरवाजे तोड़ दिए। किसानों की एक एकड़ में लगी जेठूवा फसल नष्ट कर दी। इसके बाद हाथियों का झुंड बिरनी के कपिलो व चानो गांव पहुंचा। यहां भी आंगनबाड़ी केंद्र समेत कई लोगों के घरों का दरवाजे तोड़ दिए। खेतों में लगी खीरा, भिंडी की फसलें भी रौंद डाली। वन विभाग की टीम हाथियों को सुरक्षित स्थान तक ले जाने में जुटी है।