रायपुर। ईओडब्ल्यू ने डीएमएफ घोटाले में कोरबा के 4 तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश कर सभी से पूछताछ करने 13 मई तक रिमांड पर लिया है। जांच के दौरान कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर एवं निलंबित कर जेल भेजी गई रानू साहू के साथ मिलकर घोटाला करने के इनपुट मिले थे।
घोटाले में इन चारों के नाम शामिल
इसे देखते हुए कोरबा में पदस्थ रहे तत्कालीन नोडल अधिकारी डीएमएफटी भरोसाराम ठाकुर, तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुनेश्वर सिंह राज, तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी राधेश्याम मिर्झा तथा तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीरेंद्र कुमार राठौर को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले में पेश किए गए चालान में उक्त चारों के नाम शामिल हैं।
निविदाकारों को पहुंचाया अवैध लाभ
CG DMF Scam: ईडी की रिपोर्ट के आधार पर डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि डीएमएफ ठेका देने के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। निविदा भरने वालों से रकम उगाही कर उनको अवैध लाभ पहुंचाया गया। साथ ही जांच में पता चला कि निविदा राशि की 40 फीसदी राशि अफसरों को कमीशन को रूप में बंदरबांट की गई।






