चक्रधर समारोह 2025: देश ही नहीं, पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित हो रहा है चक्रधर समारोह- केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है समाज के हर वर्ग का उत्थान
आठवीं संध्या में केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले की गरिमामयी उपस्थिति
भगवान गणेश पूजन व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ चक्रधर समारोह का शुभारंभ
रायगढ़, 3 सितम्बर 2025/ रायगढ़ के रामलीला मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह 2025 की आठवीं संध्या सुर, ताल, छंद और घुंघरू की मधुर लय से सजी। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार रामदास अठावले मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना, राजा चक्रधर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, नगर निगम रायगढ़ महापौर जीवर्धन चौहान, सभापति डिग्री लाल साहू, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने कहा कि राजा चक्रधर सिंह केवल रायगढ़ के नहीं, बल्कि पूरे देश के गौरव हैं। वे एक महान शासक, समाजसेवी और संगीत साधक थे। गरीबों, किसानों, मजदूरों और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए उन्होंने कार्य किया और कथक को नया आयाम देकर ‘रायगढ़ घराने’ की स्थापना की। आज उनका यह सांगीतिक धरोहर देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सम्मान पा रहा है।















केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है। आदिवासी समाज को सम्मान और न्याय दिलाने का कार्य निरंतर जारी है। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और शीघ्र ही तीसरे स्थान पर पहुंचेगा। हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प पर कार्य कर रही है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने समारोह में शामिल कलाकारों को शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित भी किया।
राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राजा चक्रधर सिंह का योगदान भारतीय संगीत इतिहास में अमूल्य है। उन्होंने कथक नृत्य की विधा को नई दिशा देते हुए ‘रायगढ़ घराना’ स्थापित किया। बनारस, लखनऊ और जयपुर के बाद रायगढ़ घराना चौथा प्रमुख घराना माना जाता है। चक्रधर समारोह आज न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। इसकी चर्चा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर होती है। अपर कलेक्टर अपूर्व प्रियेश टोप्पो ने सभी अतिथियों का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।