शराब घोटाला: चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले के 16.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल रियल्टी कारोबार में किया- ईडी

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने राज्य में हुए शराब घोटाले से अर्जित 1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की अपराध आय का प्रबंधन किया और 16.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी रियल एस्टेट परियोजना के विकास में किया। दरअसल पूर्व सीएम के बेटे को ईडी ने 18 जुलाई को उनके 38वें जन्मदिन पर भिलाई के मानसरोवर कॉलोनी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी उस घर पर छापेमारी के बाद हुई, जिसमें चैतन्य अपने पिता के साथ रहते थे। चैतन्य को उसी दिन रायपुर की एक अदालत ने पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था, मंगलवार को ईडी चैतन्य बघेल को फिर अदालत में पेश करेगी।
ईडी ने बताया कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी। उन्होंने अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल इस धनराशि को आपस में मिलाने के लिए किया था। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वे उनके साथ सहयोग करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को आरोप लगाया कि उनके बेटे के खिलाफ ईडी की कार्रवाई राज्य में “अवैध वृक्ष कटाई” से ध्यान हटाने के लिए शुरू की गई थी, क्योंकि कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने वाली थी।
एजेंसी ने कहा कि जूनियर बघेल ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों नामक एक स्थानीय व्यवसायी के साथ सांठगांठ की और उसकी कंपनियों का उपयोग करके एक ऐसी योजना जिसके तहत उन्होंने ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीदने के नाम पर पांच करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा बैंकिंग ट्रेल से पता चलता है कि संबंधित लेन-देन के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त हुआ।