छत्तीसगढ़

सड़कों में पशुओं को खुला छोड़ने पर पशु मालिकों को होगी सजा और जुर्माना, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 तत्काल प्रभावशील, हादसों के लिए मवेशी मालिक होंगे जिम्मेदार

 

रायपुर, 30 जुलाई 2025। बिलासपुर जिला प्रशासन के निर्देश पर जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 प्रभावशील कर दी गई है। इसके तहत कोई भी पशुपालक अपनी पशुओं को खुले में नहीं छोड़ सकेगा। उन्हें अपने सभी पशुओं को बांधकर रखना होगा। अधिनियम का उल्लंघन करने पर कठोर सजा या जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बिलासपुर जिले के सभी एसडीएम द्वारा जारी अलग-अलग आदेश के अनुसार जिले में राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यीय राजमार्गों एवं स्थानीय मार्गों में लगातार सड़क दुर्घटना घटित हो रही है जिसका एक प्रमुख कारण स्थानीय पशु मालिकों द्वारा लापरवाही व गैरजिम्मेदारीपूर्वक पशुओं को सड़कों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से छोड़ देना है। इन पशुओं के कारण न केवल आवागमन बाधित होता है, अपितु जनहानि, पशुहानि एवं मालहानि जैसी गंभीर घटना घटित होती है जिससे कानून व लोक शांति व्यवस्था भंग की स्थिति निर्मित होती है। पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से अत्यावश्यक एवं आपातकालीन सेवा देने वाले वाहनों का आवागमन भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है।

पशु पालकों द्वारा अपने मवेशियों को सड़कों या सार्वजनिक स्थलों में न छोड़कर उचित प्रबंधन एवं रखरखाव किए जाने से सड़कों पर होने वाली मानव जीवन की क्षति, पशु क्षति, संपत्ति की क्षति से बचाव के साथ ही कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने से बचा जा सकता है। सड़क पर एकत्रित पशु न केवल आमजनों के आवागमन में बाधक या सड़क दुर्घटना का कारण है, अपितु प्रशासनिक समस्या भी बन चुका है। मवेशियों को सड़कों या सार्वजनिक स्थलों में छोड़ देने वाले लापरवाह पशु मालिक इसके लिए जिम्मेदार हैं। पशु मालिकों का इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना एवं लापरवाहीपूर्वक आचरण भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 291 के अंतर्गत तथा पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 के अध्याय 3 धारा 11(1) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में भी आता है।

बिलासपुर जिले के सभी अनुविभागों के विभिन्न मार्गों एवं सार्वजनिक स्थानों में पशु मालिकों द्वारा अपने पालतू पशुओं को स्वतंत्र रूप से छोड़े जाने से रोकने आदेश पारित किए गए हैं। इसके अनुसार पशु पालकों द्वारा छोड़े गए पशुओं से मार्ग अवरूद्ध न हो एवं जन सामान्य/पशुओं की सुरक्षा तथा सुविधा के साथ-साथ आपातकालीन एवं अत्यावश्यक सेवा के निर्बाध व शांतिपूर्ण ढंग से संचालन तथा कानून-व्यवस्था की दृष्टि से इन क्षेत्रों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रतिबंधित किया गया है। आमजन/पशुओं के जीवन की सुरक्षा हेतु तथा जनहित में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत अनुविभागीय दंडाधिकारियों द्वारा आदेश पारित किए गए हैं कि सभी पशु मालिक अपने पशुओं को बांधकर रखेंगे। पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से न छोड़ेंगे, न एकत्रित होने देंगे, अन्यथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 291 के अंतर्गत सजा एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 के अध्याय 3 धारा 11 (1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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