पंचतत्व में विलीन हुए बलिदान एएसपी आकाश राव गिरपूंजे, बेटे ने दी मुखाग्नि; रोते हुए पत्नी ने किया सैल्यूट

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर नक्सलियों के बिछाये आईईडी की चपेट में आकर कोंटा एएसपी आकाश राव गिरपून्जे बलिदान हो गये। आज मंगलवार को रायपुर के महादेव घाट स्थित मुक्तिधाम में पंचतत्व में विलीन हो गये।
उनके बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान रोते हुए पत्नी ने उन्हें सैल्यूट किया। नम आंखों से पिता ने अंतिम सलामी दी। परिजन, शहरवासी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।
पुलिस जवानों ने अंतिम संस्कार से पहले माना स्थित चौथी बटालियन और महादेवघाट मुक्तिधाम में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। सीएम विष्णुदेव साय ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पुलिस फोर्स ने उन्हें अंतिम सलामी दी। मुख्यमंत्री ने गिरपुंजे के शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट कीं और उन्हें इस कठिन समय में ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरपुंजे ने अपने कर्तव्य के प्रति अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमें उन पर गर्व है। सरकार इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
इसके पूर्व कुशालपुर स्थित उनके निवास से उनकी अंतिम यात्रा निकली। इस दौरान “जब तक सूरज चांद रहेगा, आकाश तेरा नाम रहेगा” के नारे लगते रहे। बाइक, कार आदि वाहनों पर सवार होकर लोग माना स्थित चौथी बटालिन पहुंचे। यहां बलिदान एएसपी को गॉर्ड ऑनर दिया गया। सीएम साय ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। पुलिस फोर्स ने उन्हें अंतिम सलामी दी। उनकी यात्रा में रायपुर कलेक्टर, निगम आयुक्त, सीईओ जिला पंचायत सहित जिला अधिकारी, परिजन, शहरवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए। निवास पर रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह समेत कई प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे।
अंतिम विदाई देने के लिये लोग बाइक, कार आदि वाहनों से महादेवघाट पहुंचे। यहां पर बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी। लोग आकाश राव अमर रहे के नारे लगाते रहे।
जानें कौन थे एएसपी आकाश राव गिरपून्जे
एएसपी आकाश राव गिरपून्जे रायपुर के रहने वाले थे। वे साल 2013 बैच के सीधी भर्ती डीएसपी थे। वे वर्ष 2024 से कोन्टा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दे रहे थे। वे रायपुर और महासमुंद में भी सेवायें दी थी। उनका परिवार रायपुर में ही रहता है। उन्होंने रायपुर से ही स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। वे पूर्व कांग्रेस पार्षद के भतीजे थे। वे छत्तीसगढ़ पुलिस के सबसे बहादुर जवानों में से एक थे, जिन्होंने मानपुर-मोहला और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं थी।
छत्तीसगढ़ में ये तीसरी घटना
लंबे समय बाद छत्तीसगढ़ में किसी अधिकारी की शहादत हुई है। छत्तीसगढ़ में ये तीसरी और बस्तर की दूसरी घटना है। जिसमें एडिशनल एसपी लेवल के अधिकारी बलिदान को प्राप्त हुए हैं। साल 2001 में एडिशनल एसपी भास्कर दीवान वीरगित प्राप्त हुए थे। साल 2011 में राजेश पवार गरियाबंद आईईडीब्लास्ट में शहादत को प्राप्त हुए थे। 9 जून 2025 को अब सुकमा कोंटा एएसपी आकाशराव गिरपूंजे बलिदान हुए।
कैसे हुआ था सुकमा -कोंटा आआईईी ब्लास्ट
कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर नक्सलियों की ओर से पोकलेन मशीन को फूंकने की सूचना पर कोंटा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरीपूंजे अपने साथ एसडीओपी और थाना प्रभारी को लेकर घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे। वहीं नक्सली अपने पूर्व निर्धारित रणनीति के तहत घात लगाकर बैठे थे। वो जानते थे कि जवान मौके पर जरूर आयेंगे। इसी बात का अंदेशा लगाते हुए नक्सलियों ने आईडी लगाकर रखा था। जैसे ही एएसपी मौके पर पहुंचे कि वो आईईडी की चपेट में आ गए।