छत्तीसगढ़ में एक हैरान कर देने वाला मामला, घर में अंतिम संस्कार की चल रही थी तैयारी, जिंदा लौटा बेटा, जाने क्या है पूरा मामला…

कोरबा: कोरबा जिले में एक अविश्वसनीय घटना सामने आई है, जहां एक परिवार अपने 27 वर्षीय बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था, जिसे गलती से मृत मान लिया गया था। तभी वह युवक अचानक जिंदा और सही-सलामत घर लौट आया। इस घटना से घर में मातम का माहौल तुरंत खुशी और आश्चर्य में बदल गया।
गुमशुदगी और गलत पहचान
यह मामला गेवरा बस्ती के रहने वाले हरिओम वैष्णव का है, जो 5 सितंबर को अपनी पत्नी के घर से निकलने के बाद लापता हो गया था। परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। कुछ दिनों बाद, डंगनिया नदी में एक शव मिला। शव की हालत खराब होने के कारण पहचान करना मुश्किल था, लेकिन परिवार ने कपड़ों और हाथ पर बने एक टैटू के आधार पर उसे हरिओम मान लिया। पुलिस ने शव परिवार को सौंप दिया।
अंतिम संस्कार की तैयारी, तभी चमत्कार
शव को घर लाने के बाद पूरे परिवार और रिश्तेदारों में शोक का माहौल था। मंगलवार की सुबह, जब हरिओम के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं, तो वह अचानक घर के दरवाजे पर आ गया। उसे देखकर परिवार और वहां मौजूद लोग डर के मारे ‘भूत, भूत’ चिल्लाने लगे और भागने लगे। कुछ देर बाद, जब लोगों को यकीन हुआ कि वह सच में जिंदा है, तब जाकर माहौल शांत हुआ।
पारिवारिक कलह के कारण घर से दूर था युवक















हरिओम ने बताया कि पारिवारिक विवाद की वजह से वह बिना किसी को बताए दूसरे शहर चला गया था। दर्री सीएसपी विमल कुमार पाठक ने पुष्टि की कि नदी से मिला शव हरिओम का नहीं है और अब पुलिस उसकी असली पहचान के लिए जांच कर रही है।