Raigarh: ‘नवोदय गुरु’ टिकेश्वर पटेल का अभूतपूर्व सम्मान: सैकड़ों पालकों ने लड्डू से तौलकर 21,000 और स्मृति चिन्ह भेंट किए

रायगढ़। शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एक ऐसे शख्सियत की कहानी, जिसने वनांचल के बच्चों के लिए अपनी ज़िंदगी समर्पित कर दी है। आज हम बात कर रहे हैं रायगढ़ जिले के उस शिक्षक की, जिन्हें उनके छात्रों के पालकों ने लड्डू से तौलकर सम्मानित किया है— एक ऐसा सम्मान जो अक्सर नेताओं और मंत्रियों को मिलता है, लेकिन इस बार मिला है एक सच्चे ‘गुरु’ को।
हम बात कर रहे हैं घरघोड़ा विकासखंड के वनांचल में स्थित ग्राम भेंगारी के शिक्षक टिकेश्वर पटेल की। ये वही ‘गुरु’ हैं जो पूरे छत्तीसगढ़ में ‘नवोदय गुरु’ और “गुरु द्रोण” नाम से विख्यात हैं। शिक्षक पटेल न केवल ‘छत्तीसगढ़ राज्यपाल पुरस्कार’ से सम्मानित हैं, बल्कि प्रतिदिन 10 से 12 घंटे निस्वार्थ भाव से शिक्षण कार्य करते हैं।
हाल ही में, 27 सितंबर 2025 को उनके गृह ग्राम भेंगारी में एक विशेष छात्र/पालक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे पालकों ने, उनके निस्वार्थ सेवा के प्रति विश्वास जताते हुए, उन्हें लड्डू से तौला। साथ ही, उन्हें ₹21,000 की राशि और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान छत्तीसगढ़ में शिक्षा के प्रति अटूट आस्था की एक अविश्वसनीय मिसाल है।
शिक्षक टिकेश्वर पटेल के इस जुनून की कहानी उनकी बचपन की एक ‘ठोकर’ से शुरू हुई। वह स्वयं नवोदय विद्यालय में चयन नहीं हो पाए थे, लेकिन इस ठोकर ने उन्हें 100 से अधिक नवोदयन छात्रों का एक विशाल समूह खड़ा करने के लिए प्रेरित किया।







आज, वह अपनी निशुल्क कोचिंग संस्थान “आदर्श एकेडमी” के माध्यम से पिछले 15 वर्षों से लगातार बच्चों को नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य विद्यालय और जवाहर उत्कर्ष जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहे हैं।
उनकी मेहनत का परिणाम देखिए:
पिछले 15 वर्षों में 104 छात्र-छात्राएं नवोदय विद्यालय में चयनित हुए हैं।
86 छात्र एकलव्य विद्यालय में और 21 छात्र सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में सफलता पा चुके हैं।
सिर्फ इस वर्ष (2025) में ही, आदर्श एकेडमी से 8 छात्रों ने नवोदय विद्यालय में प्रवेश पाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है, और 16 छात्रों का चयन एकलव्य विद्यालय में हुआ है।
उनके पढ़ाए विद्यार्थी लगातार टॉप कर रहे हैं; हाल ही में एक छात्र ने ‘जवाहर उत्कर्ष’ परीक्षा में रायगढ़ जिले में टॉप टेन किया। वहीं, उनकी एक होनहार छात्रा कामना सिंह सिदार का चयन नवोदय विद्यालय कुनकुरी से रुंगटा पब्लिक स्कूल (दुर्ग-भिलाई) जैसे बड़े संस्थान के लिए हुआ है।
सम्मान समारोह में उपस्थित पालकों और शिक्षकों ने टिकेश्वर पटेल की तारीफ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शिक्षक रामकुमार यादव ने उन्हें ‘वह दीपक’ बताया जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है।
विशिष्ट अतिथि केशव पटेल ने टिकेश्वर पटेल की निशुल्क सेवा को “अद्वितीय, अकल्पनीय, अविश्वसनीय” कहा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनके पढ़ाए हर बच्चे काबिल और होनहार हैं, जो एक अच्छे मुकाम को हासिल कर रहे हैं।
शिक्षक टिकेश्वर पटेल का लक्ष्य स्पष्ट है: वह अपने क्षेत्र और जिले के गरीब होनहार बच्चों को अच्छे से पढ़ाई-लिखाई करवाकर, उनके भविष्य में सफलता का स्वर्णिम अध्याय लिखना चाहते हैं, ताकि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। यह सम्मान केवल एक शिक्षक का नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति समर्पण और निःस्वार्थ सेवा भावना का सम्मान है।
रायगढ़ के वनांचल से ऐसी प्रेरक कहानियां हमें यह याद दिलाती हैं कि एक सच्चा गुरु अपने ज्ञान और समर्पण से समाज में कितना बड़ा परिवर्तन ला सकता है।