छत्तीसगढ़ में पलक झपकते तीन की मौत, मंदिर दर्शन करने आए एक ही परिवार के चार सदस्य नाले में बह गए

बिलासपुर। बलौदाबाजार जिले के बिटकुली गांव से सोमवार को मरहीमाता मंदिर दर्शन के लिए आए ध्रुव परिवार के लिए यह दिन दुखद हादसे को लेकर आई। दर्शन के बाद लौटते वक्त मंदिर के पास स्थित नाले की पुलिया पर उफान आने से बस चालक ने यात्रियों को खतरे की चेतावनी देते हुए बस रोक दी और पैदल पुलिया पार करने की सलाह दी। इसी दौरान परिवार के छह सदस्य अचानक पानी के तेज बहाव में बह गए। ग्रामीणों और पुलिस की मदद से दो लोगों को बचा लिया गया, लेकिन तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई। वहीं परिवार का एक सदस्य देर रात तक लापता रहा, जिसकी तलाश एसडीआरएफ और पुलिस की टीम कर रही है।
जानकारी दी कि बलौदाबाजार के बिटकुली गांव का ध्रुव परिवार बस से मरहीमाता मंदिर दर्शन के लिए भनवारटंक आया था। दर्शन और वहीं भोजन करने के बाद परिवार के लोग वापस लौटने लगे। इसी बीच जंगल में हुई भारी बारिश के चलते मंदिर के पास से बहने वाले बरसाती नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया। कुछ ही देर में पानी पुलिया के ऊपर से बहने लगा।
बस चालक ने स्थिति को देखते हुए यात्रियों को बस से नीचे उतारा और पैदल पार करने को कहा। तभी हादसा हो गया और परिवार के छह सदस्य नाले के तेज बहाव में फंस गए। इनमें से किसी तरह दो लोगों को बचा लिया गया, लेकिन मितांश ध्रुव (5 वर्ष) निवासी बिटकुली, गौरी ध्रुव (13 वर्ष) निवासी बिटकुली, मुस्कान ध्रुव (12 वर्ष) निवासी परसदा बिलासपुर और बलराम ध्रुव (45 वर्ष) निवासी परसदा बिलासपुर पानी की धार में बह गए।















परिजनों ने शोर मचाकर मदद की गुहार लगाई। ग्रामीणों ने भी तुरंत उफनते नाले में कूदकर जान बचाने की कोशिश की। सूचना मिलते ही बेलगहना पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। कुछ ही देर में मितांश, गौरी और मुस्कान के शव बरामद कर लिए गए। वहीं बलराम ध्रुव देर रात तक लापता रहा।
महिलाओं ने खोया आपा
तीन बच्चों के शव मिलने से पूरा परिवार सदमे में आ गया। नाले से शव बाहर निकलते ही महिलाएं चीख-चीख कर रोने लगीं। घटनास्थल पर मातम पसरा रहा। परिवार की महिलाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती देख उन्हें घर भेज दिया गया।
बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए कोटा मर्च्यूरी भेजा गया है। हादसे की खबर लगते ही बिटकुली और परसदा गांव के लोग भी भनवारटंक पहुंच गए और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया
बारिश और तेज बहाव से रेस्क्यू प्रभावित
भनवारटंक का नाला पूरी तरह बरसाती है, जिसमें जंगल का पानी आता है। सोमवार को हुई लगातार भारी बारिश से इसका बहाव बेहद खतरनाक हो गया था। नाले की तेज धारा और रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण पुलिस को तलाशी अभियान में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
स्थिति को देखते हुए पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी। देर रात तक टीम घटनास्थल की ओर रवाना हो चुकी थी और लापता बलराम ध्रुव की तलाश जारी थी।
ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन अलर्ट
इस हादसे के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। लोग बरसात के मौसम में पुलिया पार करने से घबरा रहे हैं। प्रशासन ने भी लोगों को सावधानी बरतने और बरसाती नालों से दूरी बनाए रखने की अपील की है।