छत्तीसगढ़

 CGMSC ने 6 हजार 5 सौ दोषपूर्ण टैबलेट्स की खेप की आपूर्ति को रोका. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- दवाइयों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं

 

रायपुर, 2 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर साबित किया है। 29 जुलाई 2025 को कोरबा स्थित सीजीएमएससी वेयरहाउस में कैल्शियम (एलिमेंटल) विद विटामिन D3 टैबलेट 500 एम जी (कोड: D85) की खेप पहुँची, जिसमें 65 बॉक्स यानी 6500 यूनिट टैबलेट्स शामिल थीं। यह आपूर्ति मेसर्स हेल्थी लाइफ फॉर्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई थी।

वेयरहाउस के कर्मचारियों ने प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान पाया कि टैबलेट्स पैक से बाहर निकालते समय टूट रही हैं, जो कि गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन था और मरीजों के लिए संभावित जोखिम भी। खासकर यह दवा गर्भवती महिलाओं, बच्चों, किशोरों और बुजुर्गों को दी जाती है, इसलिए इसकी गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

सीजीएमएससी की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी ऑन क्वॉलिटी” के तहत दवा को स्टॉक में शामिल नहीं किया गया और तुरंत मुख्यालय तथा गुणवत्ता नियंत्रण इकाई को सूचित किया गया। साथ ही, आपूर्तिकर्ता को दोषपूर्ण बैच को वापस लेने और नए बैच की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

सीजीएमएससी ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक दवा बैच को स्टॉक में लेने से पहले जांचा जाता है और एनएबीएल प्रमाणित प्रयोगशालाओं में परीक्षण के उपरांत ही उन्हें वितरण के लिए स्वीकृत किया जाता है। इस कार्रवाई ने एक बार फिर प्रमाणित किया कि राज्य की दवा आपूर्ति प्रणाली न केवल सतर्क है, बल्कि पारदर्शिता और मरीज सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध भी।

अंततः, 6500 यूनिट टैबलेट्स की इस खेप को मरीजों तक पहुँचने से पहले ही रोक लिया गया, जिससे सीजीएमएससी की विश्वसनीयता और सतर्कता एक बार फिर साबित हुई। गौरतलब है कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सीजीएमएससी की समीक्षा बैठक में कहा था कि आमजनों की सेहत को ध्यान में रखते हुए दवाइयों की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

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