छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में नई बिजली दरें घोषित: ग्रामीण, आदिवासी और किसानों को विशेष राहत

रायपुर, 12 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई बिजली दरों को मंज़ूरी दे दी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के एमडी श्री भीमसिंह कंवर ने बताया कि ये दरें संतुलित, हितकारी और विकासपरक हैं, जिसमें ग्रामीण, आदिवासी और विभिन्न प्राथमिकता वाले उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखा गया है।

लागत और दरों में संतुलन
कंपनी के अनुसार, बिजली की वास्तविक लागत ₹7.02 प्रति यूनिट है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम दर पर मात्र ₹4.10 प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। समग्र रूप से विद्युत दरों में पिछले साल की तुलना में मात्र 1.89 प्रतिशत की नाममात्र वृद्धि की गई है।

घरेलू उपभोक्ताओं और विशेष श्रेणियों को लाभ
घरेलू दरें: निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।

अस्थायी कनेक्शन: घरेलू श्रेणी के तहत अस्थायी कनेक्शनों पर सामान्य टैरिफ का 1.5 गुना के बजाय अब 1.25 गुना टैरिफ लगेगा।

गौशाला और स्टे-होम्स: गौशालाओं, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में आने वाले स्टे-होम्स में प्रयुक्त बिजली पर घरेलू दर लागू होगी।

मोबाइल टावर: राज्य शासन द्वारा अधिसूचित वाम चरमपंथी प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए मोबाइल टावरों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

कृषि और अन्य उद्योगों के लिए रियायतें
कृषि पंप: कृषि पंपों के लिए विद्युत दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है, लेकिन इसका पूरा भार राज्य शासन वहन करेगा, जिससे किसानों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। गैर-सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में मिलने वाली छूट को 20% से बढ़ाकर 30% कर दिया गया है। किसानों को पंप कनेक्शन के अंतर्गत खेतों में 100 वॉट तक लाइट और पंखे के उपयोग की सुविधा जारी रहेगी।

गैर-घरेलू उपभोक्ता: गैर-घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है, और उनके अस्थायी कनेक्शनों पर भी सामान्य टैरिफ का 1.5 गुना के बजाय 1.25 गुना टैरिफ लागू होगा।

महिला स्वसहायता समूह: पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी।

ग्रामीण अस्पताल और क्लीनिक: ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण और सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटरों को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी।

पोहा और मुरमुरा मिल: इन मिलों को ऊर्जा प्रभार में मिलने वाली छूट को 5% से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।

प्रिंटिंग प्रेस: ऑफसेट प्रिंटर्स और प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को अब गैर-घरेलू श्रेणी से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में शामिल किया गया है, जो उनके लिए पहले की तुलना में कम दर होगी।

पर्यावरण और अग्रिम भुगतान को बढ़ावा
इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग: पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए, निम्न दाब इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग इकाइयों के लिए टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर ₹7.02 प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है। उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए यह दर ₹6.32 प्रति केवीएएच होगी।

अग्रिम भुगतान: अग्रिम भुगतान करने वाले सभी उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट को 0.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत कर दिया गया है।

समग्र रूप से, ये नई दरें कृषि-ग्रामीण, आदिवासी और अन्य प्राथमिकता वाले उपभोक्ताओं के लिए बेहद फायदेमंद और विकासोन्मुखी मानी जा रही हैं।

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