शिखर अग्रवाल ने घर से कोई भी पैसा लिए बिना कंपनी खड़ी की, टर्नओवर 100 करोड़ रुपए सालाना

रायपुर/रायगढ़। अमेरिकी बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने अपनी प्रतिष्ठित ’30 अंडर 30 एशिया 2025′ की सूची में रायगढ़ के युवा उद्यमी शिखर अग्रवाल को हेल्थकेयर कैटेगरी में स्थान दिया है। इस सूची में दुनिया के 30 साल से कम उम्र के 300 उभरते हुए एंटरप्रेन्योर्स को 10 विभिन्न कैटेगरी में चुना जाता है। उन्हें यह सम्मान हेल्थ नाऊ एम्बुलेंस और अनहद फार्मा जैसे नवाचारों के लिए मिला है, जिसने हेल्थकेयर क्षेत्र में नई दिशा दी है।
शिखर ने भास्कर को बताया कि मैं कोरोना के दौरान एंबुलेंस सर्विस दे रहा था। तब दवा सप्लाई की में परेशानी देखी। इसलिए अनहद फार्मा की शुरुआत की, जो एक बी2बी फार्मा टेक स्टार्टअप है। इसके लिए मैंने घर से कोई पैसा नहीं लिया। अनहद फार्मा ने 150 से अधिक फार्मा कंपनियों के साथ करार कर एआई आधारित ऑर्डरिंग और इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया है।
इससे रिटेलर्स एक ही प्लेटफॉर्म से कई दवाएं मंगवा सकते हैं, ऑर्डर ट्रैक कर सकते हैं और मांग का पूर्वानुमान भी लगा सकते हैं। देशभर में 2,000 से अधिक फार्मेसी से जुड़ी हुई है। आज अनहद का टर्नओवर सालाना करीब 100 करोड़ रुपए हो गया है। अब कंपनी सीधे ग्राहकों तक दवा पहुंचाने के लिए बी2सी मॉडल पर एक नया एप लॉन्च कर रही है।
इससे ग्राहकों को समय पर किफायती दवा मिलेगी। मेरे निवेशकों में गुडवाटर कैपिटल जैसे ब्रांड शामिल हैं।
आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं शिखर, हेल्थ नाऊ से की शुरुआत
शिखर रायगढ़ के रियल एस्टेट कारोबारी राजेंद्र अग्रवाल के बेटे हैं। उन्होंने रायगढ़ से 10वीं करने के बाद महाराष्ट्र के पंचगनी और हायर सेकंडरी बैंगलुरु से की। ऑल इंडिया रैंक 549 के साथ शिखर का चयन आईआईटी बॉम्बे में हुआ, जहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।







आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई के दौरान ही शिखर ने अपने एक सहपाठी के साथ हेल्थ नाऊ नामक स्टार्टअप की शुरुआत की, जो कैब सर्विस की तर्ज पर कॉल पर कुछ मिनटों में एम्बुलेंस उपलब्ध कराता था। कोरोना महामारी के समय इस सेवा ने 10 हजार से अधिक लोगों की सहायता की।