चमत्कारी मां मातंगी के धाम में बगलामुखी महायज्ञ ने रचा कीर्तिमान

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सृष्टि के निर्माण से लेकर अब तक मां मातंगी दिव्य धाम जी जामगांव अभनपुर में 27 तारीख से 29 जनवरी तक चलने वाले मां बगलामुखी महायज्ञ ने कीर्तिमान स्थापित किया है।

धरातल पर पहली बार है जब मां बगलामुखी के सिद्ध यंत्र के समान पृथ्वी पर हवनकुंड का निर्माण कराकर उस हवनकुंड को मंत्रों के द्वारा सिद्ध करके 11 हजार किलों लाल मिर्च से मां बगलामुखी के यज्ञकुंड में आहुति देकर देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा लगातार इस विशाल महायज्ञ में शामिल होकर अपने जीवन को बाधाओं से मुक्त बनाकर जीवन को खुशहाल बनाने का काम किया गया।

















मां मातंगी दिव्य धाम में पूर्ण हुए 3 दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ में प्रयुक्त हुई हवन सामग्री में लाल मिर्च, हल्दी, सरसों, नीम की लकड़ी, बबूल की लकड़ी अतिरिक्त हवन सामग्री के रूप में उपयोग किया गया है

शीर्ष पदों खासकर राजनीति के लिए विशेष अनुष्ठान

मां मातंगी दिव्य धाम में आयोजित 3 दिवसीय ( 27 जनवरी से लेकर 29 जनवरी) मां बगलामुखी महायज्ञ वैसे तो सभी के लिए लाभप्रद है लेकिन जो भी व्यक्ति शीर्ष पद पर आसीन है उसके गुप्त शत्रु बहुत हो जाते ऐसे में शीर्ष पदों पर आसीन और राजनीतिक व्यक्तियों के लिए यह महायज्ञ विशेष लाभकर है।

मां बगलामुखी महायज्ञ का महत्व

महायज्ञ एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। इस आयोजन में लाल मिर्ची का विशेष उपयोग किया जा रहा है, जो भारतीय संस्कृति में नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

देश विदेश से शामिल हुए लोग

इस अनुष्ठान में देश के कोने कोने से लोगों का जमावड़ा देखने को मिला साथ ही नेपाल, भूटान, म्यांमार से भी भक्तों का जमावड़ा देखने को मिला।

धाम में होता अस्थमा का निशुल्क इलाज

मां मातंगी दिव्य धाम में असाध्य रोग अस्थमा का निःशुल्क इलाज होता है। महज़ तीन दिन तीन खुराक में इस असाध्य रोग का इलाज हो जाता है।


जब भगवान श्री राम जी ने किया था मां बगलामुखी की आराधना

रामायण में ऐसा उल्लेख मिलता है कि जब भगवान राम और रावण में युद्ध होना प्रारंभ हुआ तो प्रारंभ में रावण अधिक बलशाली और ताकतवर महसूस हो रहा था। जब राम जी को पता चला की रावण मां बगलामुखी का सेवक है, दास है। बगलामुखी की आराधना करता है तो भगवान श्री राम ने भी मां बगलामुखी की विशेष आराधना की जिसके बाद युद्ध में रावण पराजित हुआ।

पांडवों ने भी की थी बगलामुखी की आराधना

महाभारत में भी मां बगलामुखी की आराधना का उल्लेख मिलता है जब पांडव लोगों को इस बात का आभास हुआ कि हमारी संख्या कम है गौरव हमसे अधिक बलशाली हैं तो पांडवों ने मां बगलामुखी की विशेष आराधना की थी।

यह अनुष्ठान मुस्लिम देश में दिला रहा सम्मान

मां बगलामुखी का यह अनुष्ठान जो कि 27 जनवरी से शुरू हुआ है जो कि विश्व रिकॉर्ड कायम कर रहा है। इस वजह से मुस्लिम देश दुबई में 19 फरवरी को दुबई के अटलांटिस द पॉम जुमैरा विशेष सम्मान से मां मातंगी दिव्यधाम और इस धाम के पीठाधीश्वर डॉक्टर श्री प्रेमसाई जी महाराज को भी सम्मानित किया जा रहा है।

प्रेमा साई जी महाराज को मिली डॉक्टरेट की उपाधि

मां मातंगी दिव्य धाम के पीठाधीश्वर प्रेमा साई जी महाराज को सामाजिक उत्थान एवं दीन दुखियों की सेवा के लिए अमेरिका की सिडरब्रुक यूनिवर्सिटी के द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। जिसके आगामी महीने में लंदन के संसद में सम्मानित किया जाएगा।

पीएम मोदी की कुल देवी है, मां मातंगी

मां मातंगी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की भी कुलदेवी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बराबर मां मातंगी की पूजा के लिए गुजरात के मंदिर में जाते हैं। मोढेरा गांव स्थित श्री मातंगी (Matangi ) मोढेश्वरी (Modheswari) माता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके परिवार की कुलदेवी हैं।

मां मातंगी दिव्यधाम का पर्चा करता चमत्कार है

मां मातंगी दिव्य धाम अपने आप में दिव्य एवं चमत्कारी है। जहां बागेश्वर दिव्य धाम की तरह लोगों का पर्चा बनता इस पर्चे की महत्ता एवं खासियत इस लिए है क्योंकि इस मां मातंगी दिव्य धाम में इस धाम के पीठाधीश्वर डॉक्टर श्री प्रेमा साई जी महाराज जी इस धाम में आए भक्तों की समस्या को बिना बताए बस देखकर ही बता देते और एक त्रिकालदर्शी पर्चा बनाते जहां भक्तों के जीवनकाल से जुड़ी हुई समस्त बातों को इस पर्चे में उल्लेख कर देते। इस पर्चे की विशेषता यह है कि इस पर्चे में समस्या के साथ साथ समाधान का भी जिक्र किया जाता है। इस धाम में जो भी भक्त आते उसकी सभी मुराद पूरी होती है।





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