छत्तीसगढ़

CG News: जंगल में शिकारियों ने बिछाया जाल, मादा भालू की मौत, शावक का किया गया रेस्क्यू, चार गिरफ्तार

 

पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के पेंड्रा जिले में भालू के शिकार का मामला सामने आया है। शिकारियों ने जाल में फंसाकर मादा भालू की मौत हो गई। जबकि उसके शावक को स्थानीय निवासियों ने रेस्क्यू कर बचा लिया। जाल में फंसने के बड़ा भालू जोर- जोर से आवाज करने लगा। भालू की आवाज को सुनकर आस- पास के लोग इकठ्ठा हो गए। जिसके बाद वन समिति के सदस्यों ने भालू के शावक का रेस्क्यू किया। मामले में वन कर्मियों ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

दरअसल यह पूरा मामला मरवाही वनमंडल का है। जहां के गंगनई नेचर कैंप साल्हेकोटा के जंगलों में शिकारियों लगाए गए जाल में फंसने से एक वयस्क मादा भालू की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि, उसके एक शावक का समय रहते रेस्क्यू कर लिया गया। इस घटना के सामने आने के बाद वन अमले ने कार्रवाई करते हुए चार शिकारियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से तार, रस्सी, और जाल लगाने के अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।

स्थानीय समिति ने किया रेस्क्यू

गंगनई नेचर कैंप साल्हेकोटा के जंगल में मादा भालू के चीखने की आवाजें लगातार सुनाई दे रही थी। जंगली क्षेत्र और भालुओं की मौजूदगी के कारण वहां जाने की हिम्मत कोई नहीं कर पा रहा था। स्थानीय समिति के युवकों ने हिम्मत दिखाते हुए पास जाकर देखा तो पाया कि मादा भालू शिकारी के जाल में फंसी हुई थी। उन्होंने मौके पर मौजूद 8 महीने के नर शावक को सुरक्षित बचा लिया। हालांकि, मादा भालू को समय पर जाल से नहीं निकाला जा सका, जिससे उसकी दम घुटने से मौत हो गई।

चार शिकारी गिरफ्तार

मरवाही वनमंडल के डीएफओ रौनक गोयल ने बताया कि, लगभग 8 से 9 साल की इस मादा भालू की मौत क्लच वायर से फंसने के चलते दम घुटने के कारण हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम ने डॉग स्क्वायड की मदद से मामले की जांच शुरू की और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने क्षेत्र में जाल लगाने की बात स्वीकार की। सभी आरोपी स्थानीय निवासी हैं।

स्थानीय निवासियों से शिकारियों पर नजर रखने की अपील

इनके पास से तार, रस्सी और अन्य शिकार के उपकरण बरामद किए गए हैं। नियमानुसार इनके खिलाफ मामला दर्ज कर इन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। मादा भालू के शव का पोस्टमार्टम कर दाह संस्कार कर दिया गया है। वहीं, नर शावक को जंगल में वापस छोड़ दिया गया है। वन विभाग ने क्षेत्र में शिकार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है, साथ ही स्थानीय निवासियों से जंगल में शिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने और ऐसी घटनाओं की जानकारी तुरंत देने की अपील की है।

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