बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे से हुई सात वर्षीय मासूम की मौत को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लिया है। हाई कोर्ट ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीविजन बेंच में पीआईएल की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने पूछा कि प्रतिबंध के बावजूद भी चाइनीज मांझा बाजार में कैसे उपलब्ध है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
जानकारी के मुताबिक, घटना टिकरापारा थाना क्षेत्र की है। लक्ष्मीनगर निवासी ऑटोमोबाइल मैकेनिक धनेश साहू अपने 7 वर्षीय बेटे के साथ रविवार की सुबह बाइक पर गार्डन जाने के लिए निकला था। टिकरापारा के राधाकृष्ण मंदिर जाने वाले मोड़ के पास जैसे ही पहुंचा तो बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। धनेश ने बाइक रोककर बच्चे को देखा तो उसके गले से खून बह रहा था।
बच्चे के गले से खून निकलता देख आसपास के लोगों की भीड़ भी मौके पर जमा हो गई। बच्चे को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान बच्चे की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि पिता ने बेटे को एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचा था, लेकिन बच्चे की हालत को देखते हुये अस्पताल के डाॅक्टरों ने उपचार करने से मना कर दिया था। जिसके बाद बच्चे को दूसरे अस्पताल लाया गया। जहां उपचार के दौरान डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कहा जा रहा है कि समय रहते डाॅक्टरों ने उपचार कर दिया होता तो बालक के गले से ज्यादा खून नहीं बहता और उसकी जान भी बच सकती थी। एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल जाने के चक्कर में मासूम की जान चले गई। बच्चे का नाम पुष्कर साहू था।