चंद्रपुर में सड़क निर्माण का कार्य बंद, नगरवाशियो में आक्रोश, सड़क के निर्माण में हो रही लापरवाही को लेकर नगरवाशियों का गुस्सा फूट रहा

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चंद्रपुर – चंद्रपुर महानदी पुल से लेकर कोतरी नाला तक का गौरव पथ सड़क निर्माण का कार्य कई महीने से बंद पड़ा है। ठेकेदार की लापरवाही और विभाग की मौन स्वीकृति आम लोगों पर भारी पड़ रही है।
अधूरे निर्माण साथ अस्त व्यस्त हो कर क्षतिग्रस्त हो चुके सड़क के निर्माण की स्वीकृति एवं कार्य आरम्भ पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल मे आरम्भ हुई थी। जिसकी कुल अनुमानित लागत लगभग 12 करोड़ रुपये है। ठेकेदार ने मनमानी पूर्वक कार्य करते हुए अधूरे और अनियंत्रित तरिके से निर्माण कार्य किया और कई जगहों पर निर्माण साथ ही गड्ढे होने लगे। कई जगह सड़क को खोदा और कुछ स्थानों पर गिट्टी बिछाकर यूं ही छोड़ दिया जो अब दुर्घटना क्षेत्र की स्थिति बना रहे और आवागमन दुभर हो रहा। ज़ब तब जाम और धूल का गुब्बार मानो नगर वाशियो को स्थानीय नगर प्रशासन और ठेकेदार का उपहार है।

















अधूरे रास्ते पर चलना लोगों को भारी पड़ रहा साथ ही अधूरे निर्माण और फ्लाइ एश के अनियंत्रित परिवहन से झड़ा फैक्ट्री का एश जहरीला धूल बनकर लोगो के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। नगर क्षेत्र की इस बदहाल स्थिर पर फिर भी विभागीय अधिकारी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं न ऱख रखाव, सफाई पर कोई ठोस पहल कर रहे है।
प्रमुख मार्ग होने के साथ ही सारंगढ़ – रायगढ़ – सक्ती – रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों और उड़ीसा – झारखण्ड को जोड़ने वाले इस सड़क के निर्माण में हो रही लापरवाही को लेकर नगरवाशियों का गुस्सा फूट रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे परेशानियां कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है। ऐसे मे बीते दिनों 06 जनवरी 2025 को नगरवाशियों ने कलेक्टर एवं स्थानीय प्रशासन को लिखित मे सुचना देकर कहा था की 15 जनवरी तक कार्य आरम्भ न होने पर 17 जनवरी को नगरबंद किया जायेगा एवं आगे चक्का जाम, हड़ताल, नगर पंचायत चुनाव बहिष्कार जैसे ठोस कदम उठाये जाएंगे। पर भी प्रशासन ने न कोई पहल की न ही ठेकेदार से सार्थक चर्चा कर कोई ठोस आश्वासन दिया जा सका। बीती 16 जनवरी की शाम तहसीलदार अनुराग भट्ट, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सोनवानी, थाना प्रभारी मोहले के साथ नगर के प्रमुख लोगो ने चर्चा की जिसपर अधिकारियो ने बंद स्थगित करने को कहा। बैठक मे ठेकेदार की अनुपस्थिति, प्रशासन के ठोस आश्वासन, किसी तरह की कार्य पूर्णता की समय सीमा न मिलने पर गोल मोल बात समझकर नगर वाशियो ने नगरबंद का फैसला अटल रखा। जिस क्रम मे बस स्टैंड, मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग, नगर के गलियों तक की सभी दुकाने स्व स्फूर्त बंद रही। इस दौरान मंदिर आने वाले श्रद्धांलू प्रसाद, नारियल, पिने के पानी बॉटल, नास्ते आदि को परेशान होते नजर आये।नगरवाशियों की माने तो बंद के प्रभाव से सड़क पर झाड़ू लगाने का काम नगर प्रशासन करवा रहा जो पर्याप्त नहीं है। अधूरे सड़क निर्माण को कराये और फ्लाइ एश वाहनों पर आवश्यक प्रतिबंध करे अन्यथा इस समस्या का निदान न मिलने पर आगे नगर वाशी बड़े आंदोलन की रणनीति पर विचार कर रहे। चक्का जाम, आंदोलन एवं चुनाव बहिष्कार या किसी भी हद तक जाने को लोग तैयार है।

चंद्रशेखर मालवीय – हमारा पुरा प्रयास रहा की प्रशाशन से चर्चा कर समस्या का हल निकले,पर प्रशाशन की उदासीनता से हम आज नगर बंद को मजबूर हैँ अगर फिर भी कुछ नहीं होता तो आगे चुनाव बहिष्कार और चक्काजाम करेंगे।

बजरंग लाल साहु,अमित पटेल,लोकेश मिश्रा,पवन अग्रवाल – आज की नगर बंद की स्थिति के लिए शासन- प्रशासन पूर्णतः जिम्मेदार है। हमारे द्वारा अधूरे गौरथ पथ निर्माण को निविदा अनुरूप पूर्ण कराने एवं धूल – धक्कड से हो रही परेशानियों को लेकर 6 जनवरी को कलेक्टर के नाम स्थानीय मुख्य नगर पालिका अधिकारी एंव प्रशासक के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें 15 जनवरी तक कार्य आरंभ न होने पर 17 जनवरी को नगर बंद की चेतावनी दी गई थी। समय सीमा बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन किसी भी प्रकार से न वार्तालाप की गई न ही कार्य आरंभ हुआ, जिसके फलस्वरूप हम नागरिकों को आज नगर बंद के लिए बाध्य होना पड़ा। आज नगर बंद के पश्चात भी शासन- प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद नहीं खुलने पर हम नागरिक गण चक्का जाम, निकाय चुनाव बहिष्कार जैसे कदमों के लिए बाध्य होंगे।





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