रायगढ़। लोकसभा सत्र में रायगढ़ सांसद ने रायगढ़ में रेल टर्मिनल की मांग उठाई थी जिसके जवाब देते हुए रेल राज्य मंत्री ने कहा रायगढ़ में रेल टर्मिनल की आवश्यकता नहीं होने का पत्र भेजा है, बताया जाता हैं कि रेल राज्य मंत्री ने यह पत्र सांसद राधेश्याम राठिया को भेजा गया है। 1998 से 2024 यानी कि 26 साल से रायगढ़ को रेल टर्मिनल देने के लिए उपेक्षित रखा हुआ है । 26 साल से रेल टर्मिनल की आस लगाए बैठे रायगढ़ को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
दरअसल रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया ने इस बरसों पुरानी मांग को लेकर संसद के शून्य काल के सवाल उठाया था । संसद में रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया के उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने पत्र भेजकर हवाला दिया है कि यहां से दो ट्रेन गोंडवाना और जनशताब्दी चलती है जिसके लिए गोंदिया और हजरत निजामुद्दीन में रेल टर्मिनल पहले से मौजूद है इसलिए रायगढ़ में रेल टर्मिनल की आवश्यकता रेलवे को जरूरी नहीं लग रही है। सांसद को टर्मिनल को लेकर भेजे गए इस पत्र
में रेल मंत्रालय ने रायगढ़ की 26 साल की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। वर्तमान में इसकी कोई जरुरत नहीं बताई गई है, अभी रायगढ़ में करीब आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों का स्टॉपेज नहीं है। रायगढ़ में रेल सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर अभी रेलवे उपेक्षा ही रखने की बात को लेकर अड़ा हुआ है।
1998 में हुआ था शिलान्यास
रायगढ़ में रेल टर्मिनल का शिलान्यास तात्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने 1998 में रायगढ़ शहर में किया था। उस वक्त शहर के नटवर स्कूल मैदान में आयोजित किए गए वृहद कार्यक्रम में रायगढ़ में रेल टर्मिनल बनाने को लेकर पहली बार आस जागी थी लेकिन उसके बाद से न तो रायगढ़ में रेल टर्मिनल बनाने कोई सार्थक प्रयास हुए और न ही नेताओं और न ही रेलवे ने इस ओर कोई पहल की। हां, केवल मांग उठती रहती है और नकारी जाती है। 26 साल से बस यह हो रहा है।