Raigarh News: ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने किया मंथन

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ओपीजेयू में ‘रोल ऑफ़ इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एन्ड मैनेजमेंट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ विषय पर पांचवें दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न

रायगढ़. ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के स्कूल आॅफ मैनेजमेंट द्वारा ‘रोल ऑफ़ इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एन्ड मैनेजमेंट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ विषय पर पांचवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मलेन ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के पूंजीपथरा परिसर में हाइब्रिड मोड में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। सोहर विश्वविद्यालय ओमान, मेट्रोपोलिया यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज एवं जोश मारिया कॉलेज फिलीपींस के सहयोग से आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एवं मैनेजमेंट क्षेत्रों से जुड़े हुए सभी हितधारकों को एक मंच पर लाना, सतत विकास में इनकी भूमिका पर चर्चा करना, नवाचारों के साथ सतत विकास की व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करने अपनाए जाने वाले समाधानों को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एक प्रमुख अंतःविषय मंच प्रदान करना था।












इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मलेन में अकादमिक और उद्योगों के विशिष्ट वक्ताओं ने इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एन्ड मैनेजमेंट से संबंधित सभी प्रमुख क्षेत्रों में अपने विचार प्रस्तुत किये। सम्मेलन का उद्घाटन, 17 अक्टूबर को सम्बलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिधु भूषण मिश्रा ने आईआईटी रायपुर के डीन डॉ. श्रीनिवास केजी, एसजीएसआईटीएस इंदौर के डॉ. आरएस तारे, एनएसपीएल के संयंत्र प्रमुख एसएस राठी, केके मोदी विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. मोनिका सेठी, ओपीजेयू के कुलपति डॉ. आरडी पाटीदार, कुलसचिव डॉ. अनुराग विजयवर्गीय, डॉ. हिमांशु वैष्णव और डॉ. जेपी रथ सहित गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में किया। उद्घाटन समारोह में ओपीजेयू के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन की आवश्यकता एवं उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ की उपलब्धियोंं एवं भविष्य की योजनाओं के साथ ही जल्द ही स्थापित होने जा रहे वर्ल्ड स्किल सेंटर के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सतत मार्गदर्शन, सहयोग और उत्साहवर्धन के लिए जेएसपी के चेयरमैन नवीन जिंदल एवं ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती शालू जिंदल का आभार जताया। मुख्य अतिथि डॉ. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि सतत विकास के माध्यम से ही एक अच्छे भविष्य की नींव संभव है और इसके लिए नवाचार, उद्यमिता एवं प्रबंधन ही ऐसे स्तंभ हैं, जिनसे सामंजस्यपूर्ण सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी शोधकर्ताओं और विद्वानों से सतत विकास के निर्माण के लिए, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। अन्य अभ्यागतों ने अपने विचार रखे। सम्मेलन में दो दिनों के दौरान 16 विषयगत ट्रैक के अंतर्गत चार सत्रों में 150 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। इसमें ओमान, नेपाल, अमेरिका, जिम्बाब्वे और भारत सहित सात से अधिक देशों के 180 से अधिक शोधकर्ताओं, संकाय सदस्यों, छात्रों और उद्योग विशेषज्ञों एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मलेन में प्रस्तुतीकरण के लिए 252 शोध सारांश प्राप्त हुए थे, जिनमें से 160 शोध सारांशों को उनकी गुणवत्ता एवं मौलिकता के आधार पर तकनीकी कमेटी द्वारा चयनित किया गया था।

समापन समारोह केके मोदी विश्वविद्यालय, दुर्ग की कुलपति डॉ मोनिका सेठी शर्मा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इसमें डॉ. पाटीदार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन को सफल बनाने में भूमिका निभाने के लिए सभी प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। संयोजिका डॉ. दीप्ति शर्मा ने दो दिवसीय सम्मेलन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस दौरान सोहर विश्वविद्यालय, ओमान से एसोसिएट प्रोफेसर, इंटरनेशनल पार्टनर डॉ. सरफराज जावेद ने ऑनलाइन माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किये। जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल, सोनीपत के डीन डॉ. मयंक ढौंडियाल ने अपने उद्बोधन में कहा की सतत विकास में नवाचार, उद्यमशीलता और प्रबंधन की संयुक्त भूमिका की आवश्यकता स्पष्ट है। समापन समारोह के दौरान प्रस्तुत किये गए शोध पत्रों में से सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया गया। डॉ. सेठी ने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय को समय की आवश्यकतानुसार उपयोगी सम्मलेन आयोजित करने के लिए बधाई दी। सम्मलेन में स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के सभी विद्यार्थी, प्रतिभागी, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक, स्टाफ एवं छात्र उपस्थित रहे।







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