जशपुर। अंधे कत्ल की गुत्थी को 72 घंटों में जशपुर पुलिस ने सुलझाया किया है। ग्राम भभरी थाना सिटी कोतवाली जशपुर क्षेत्र के 30 फीट गहरी खाई में अज्ञात महिला का शव मिला था। मामले में पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार किया है मुख्य आरोपी राजेन्द्र राम मिंज ने भभरी जंगल में मृतिका के साथ दुष्कर्म किया है, महिला द्वारा पूर्व में लंबित केश की पेशी में जाने हेतु खर्च के लिये रूपये मांगने एवं नहीं देने पर किसी केश में फंसा देने की धमकी देने पर गला दबाकर, पत्थर एवं डंडा से मारपीट कर उसकी हत्या कर दिया।
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
कि 18 सितंबर को थाना सिटी कोतवाली जशपुर को ग्रामीणों से सूचना मिला कि ग्राम भभरी गौरकीना जंगल नाला में एक अज्ञात महिला का शव पड़ा है। इस सूचना पर सिटी कोतवाली जशपुर स्टाॅफ द्वारा मौके पर जाकर सूचना देने वाले सोहन राम भगत की रिपोर्ट पर मर्ग जाॅंच पंचनामा कार्यवाही में लिया गया। विवेचना में पाया गया कि दिनांक 17 सितंबर की रात्रि में कोई अज्ञात व्यक्ति द्वारा अज्ञात महिला को धारदार नुकीले या ठोस वस्तु से मारपीट कर हत्या कर भभरी के गौरी नाला में फेंक देना पाया गया, अज्ञात मृतिका का शव पंचनामा कार्यवाही पश्चात् उसकी पहचान नहीं होने पर शव को सुरक्षार्थ जिला अस्पताल जशपुर के मरच्यूरी में रखवाया गया।
पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर अनिल सोनी के नेतृत्व में विभिन्न टीम बनाकर अज्ञात महिला की पहचान हेतु सभी Whatsapp बीट ग्रुप एवं पड़ोसी राज्य में अज्ञात मृतिका का छायाचित्र भेजकर पता-तलाश किया जा रहा था, इसी दौरान बीट ग्रुप के मुखबीर से सूचना मिला कि मृतिका जशपुरनगर में कुछ दिनों पूर्व से किराये के मकान में निवास करती है, यहीं काम करती है उसकी उम्र 30 साल है, जिसका पुलिस द्वारा तस्दीक करने पर उसे थाना चैनपुर जिला गुमला के एक ग्राम की निवासी होना पाया गया। मृतिका के पति का मोबाईल नम्बर प्राप्त कर फोन किया गया जो दिनांक 19 सितंबर को अपने माता-पिता तथा अन्य रिष्तेदार के साथ जशपुर आकर मृतिका की पहचान अपनी पत्नी के रूप में किया। पहचान कार्यवाही बाद मृतिका के शव का पीएम कराया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में अज्ञात आरोपी का पता तलाश किया गया, पता-तलाश दौरान मृतिका द्वारा जशपुरनगर में जहां पर किराये के मकान में रहती थी, उसके पड़ोसियों से पूछताछ कर कथन लेखबद्ध किया गया तो पता चला कि 17 सितंबर को 02 व्यक्ति मृतिका के घर पर रात लगभग 8-9 बजे आये थे जिसमें एक व्यक्ति का नाम राजेन्द्र राम मिंज उर्फ छोटू जो ग्राम सोगड़ा का रहने वाला है, वह अपने साथी के साथ आया था। पुलिस टीम द्वारा मुख्य आरोपी राजेन्द्र राम मिंज को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किया गया जो पहले तो घटना करने से इंकार करता रहा परंतु पुलिस की एक टीम द्वारा उसके दोस्त के घर से छुपाकर रखे गये खून लगे कपड़े मिलने पर जप्त कर पूछताछ करने पर वह टूट गया एवं उसने साथी संजय राम भगत के साथ मिलकर घटना घटित करना स्वीकार करते हुये बताया कि वह मृतिका से पूर्व से परिचित था, कभी-कभी इसके साथ में कार्य करता था। जान-परिचय होने की वजह से राजेन्द्र राम मिंज उसके किराये के मकान में यह कभी-कभार आना-जाना करता था।
17 सितंबर को राजेन्द्र राम मिंज अपने मामा का लड़का संजय राम भगत के साथ उसके पेशी में मोटर सायकल क्र. CG 14 M 2890 से न्यायालय जशपुर साथ में आया था उसके बाद शाम को बाजार से मछली सब्जी खरीदने के उपरांत वे दोनों महिला के किराये के मकान में गये, वहां पहुंचने पर महिला उनसे बोली कि मैं गणेश विसर्जन देखने जा रही हूं, तुमलोग सब्जी को बनाते रहो बोलकर वह चली गई। इसके बाद राजेन्द्र राम मिंज एवं संजय राम दोनों मिलकर कमरे में शराब पीते रहे। रात्रि लगभग 09ः30 बजे वापस महिला अपने कमरे में आई एवं खाना खाकर वे तीनों किसी कार्य से मोटर सायकल से ग्राम भभरी की ओर गये, वहां पहुंचने पर कथित रूप से मुख्य आरोपी राजेन्द्र राम ने महिला के साथ दुष्कर्म किया फिर महिला ने केष लड़ने के लिये राजेन्द्र राम मिंज से 04 हजार रू. तत्काल मांगने लगी, नहीं देने पर राजेन्द्र राम को भी वह दुष्कर्म के केश में फंसाकर जेल भेज देने की धमकी देने लगी, विवाद बढ़ने पर गुस्से में आकर आरोपी राजेन्द्र राम तथा संजय राम मिलकर महिला के शरीर के विभिन्न हिस्सों में मारपीट कर, गला दबाकर, पत्थर एवं डंडा से मारपीट कर हत्या कर दिये तथा शव को नाला में फेंक दिये। आरोपियों के विरूद्ध पर्याप्त अपराध सबूत पाये जाने से राजेन्द राम मिंज उर्फ छोटू, संजय राम भगत से पूछताछ कर गवाहों के समक्ष मेमोरंडम कथन लिया गया। मेमोरेण्डम कथन मुताबिक आरोपी राजेन्द्र राम से घटना में उपयोग की गई मोटर सायकल तथा घटना कारित करते समय खून लगा जींस, पत्थर, डंडा एवं संजय राम से मृतिका के मोबाईल एवं कपड़ा इत्यादि जप्त किया गया है। आरोपियों का कृत्य उक्त धारा सदर का अपराध घटित करना पाये जाने पर उन्हें 21 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपियों की गिरफ्तारी में एसडीओपी जशपुर चंद्रशेखर परमा, निरीक्षक रविशंकर तिवारी, उप निरीक्षक सरिता तिवारी, स.उ.नि. चंद्रप्रकाष त्रिपाठी, आर. 350 हेमंत कुजूर, आर. 178 विनोद तिर्की, आर. शोभनाथ सिंह, न.सै. थानेष्वर देशमुख, सायबर सेल से उप निरीक्षक नसरूद्दीन अंसारी, स.उ.नि. हरिशंकर सिंह, आर. अनिल सिंह, आर. संदीप इत्यादि का योगदान रहा है।