शार्वी केशरवानी द्वारा ॐ नमः शिवाय के साथ पंचतत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का प्रतिनिधित्व करते ओजस्वी नृत्य ने सभी दर्शकों के मन को छुआ
सारंगढ़ की तेरह वर्षीय कत्थक साधिका शार्वी केशरवानी ने आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा रचित शिव पंचाक्षर स्त्रोत पर आधारित कत्थक नृत्य की दी मनमोहक प्रस्तुति
रायगढ़. रायगढ़ में आयोजित प्रतिष्ठित चक्रधर समारोह 2024 में अनेक जाने माने विश्वविख्यात कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जा रही है साथ ही इस मंच के माध्यम से क्षेत्रीय और नन्हे कलाकारों को भी अपनी कला को प्रदर्शित करने, उन्हे उत्साहित करने और आगे बढ़ाने के लिए मंच प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में आज चक्रधर समारोह के सातवे दिन सारंगढ़ की तेरह वर्षीय कत्थक साधिका सुश्री शार्वी केशरवानी ने आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा रचित शिव पंचाक्षर स्त्रोत पर आधारित मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। उनके इस मनमोहक प्रस्तुति से पूरा चक्रधर समारोह कार्यक्रम स्थल ॐ नमः शिवाय के मंत्र से गूंज उठा। इस नृत्य में उनके द्वारा ॐ नमः शिवाय के साथ पंचतत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का प्रतिनिधित्व करता मन को छू जाने वाला नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही उन्होंने स्व. पंडित बिरजू महाराज द्वारा रचित अर्धांग की प्रस्तुति के साथ कुछ तोड़े-टुकड़े, कवित्त, परन के बाद कुछ लयकारियों के साथ बहुत ही आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी। सारंगढ़ की तेरह वर्षीय कत्थक साधिका सुश्री शार्वी केशरवानी मोना मॉडर्न इंग्लिश मीडियम स्कूल सारंगढ़ में कक्षा आठवीं की छात्रा है। उन्होंने नृत्य की प्रारंभिक शिक्षा अपनी माता श्रीमती तोषी गुप्ता से प्रारंभ की और वर्तमान में श्रीराम संगीत महाविद्यालय, रायपुर में गुरु डॉ. राजश्री नामदेव के सानिध्य में नृत्य की बारीकियाँ सीख रही है।
कत्थक साधिका सुश्री शार्वी केशरवानी ने इतनी कम उम्र में ही कई राज्यीय, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनमोहक प्रस्तुतियां देते हुए अनेक उपाधियाँ और उप्लब्धियाँ 2019 से अब तक लगातार अर्जित करते आ रही है। सुश्री शार्वी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दुबई एवं थाईलैंड सहित राष्ट्रीय स्तर पर उज्जैन, बैंगलोर, उदयपुर, गोवा, जबलपुर, रायपुर, भिलाई, बिलासपुर, मथुरा, हरिद्वार आदि जगहों पर अब तक लगभग 50 से अधिक मंचों पर अपनी कत्थक की प्रस्तुतियाँ दे चुकी है। सुश्री शार्वी को 2019 में बैंगलोर में नृत्य ओजस्वी अवार्ड, थाईलैंड में स्वर्ण अवार्ड, 2020 में नृत्य साधिका सम्मान, 2021 में कला साधिका सम्मान, 2022 में बाल नृत्यकला श्रेष्ठ अवार्ड, 2022 में दुबई में प्रस्तुति के लिए अन्तर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति तथा दुबई में कत्थक में प्रथम, 2023 में हरिद्वार में उदितमान सम्मान, इसके अलावा कला अभ्युदिता सम्मान भी उन्होंने प्राप्त किया है। पुनः 2023 में बालनृत्य कला श्रेष्ठ अवार्ड तथा चक्रधर समारोह 2023 तत्पश्चात 2024 में अखंड नूपुर नाद, राष्ट्रीय कला वैभव सम्मान, प्रणवम शिखामणि अवार्ड प्राप्त हुए हैं।