भिलाई। गुरुवार को एनआईए की टीम के दुर्ग जिले के जामुल थाना क्षेत्र में पहुंचने से हड़कंप मच गया है। जामुल लेबर कैंप वार्ड नंबर- 12 में एनआईए की टीम छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के नेता कलादास डहरिया के घर पहुंची थी। सीआईएसएफ की मौजूदगी के साथ कलादास डहरिया के घर पर जांच की गई। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला रेला एनजीओ से जुड़ा होना भी है। एनआईए की टीम ने कलादास डहरिया से नक्सली कनेक्शन को लेकर भी पूछताछ की।
सुबह छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के नेता कलादास डहरिया से पूछताछ करने एनआईए की टीम पहुंची थी। कालादास डहरिया रेला एनजीओ से जुड़े हुए हैं। वे छत्तीसगढ़ में यह एनजीओ चलाते हैं। यह संस्था किसान, आदिवासी और मजदूरों के संगठन के लिए काम करता है। रेला एनजीओ को देशभर से फंडिंग होती है। बताया जा रहा है कि लगभग पांच गाड़ियों में अलग अलग टीमें पहुंची थी। इस दौरान आसपास के लोगों को भी रोक दिया गया।
सुबह-सुबह पहुंची थी टीम एनआईए की टीम
जामुल में कलादास डहरिया के घर पर संबह 5:30 बजे पहुंची थी। टीम ने पहले बाहर घेराबंदी की और आसपास के लोगों को रोक दिया। एनआईए की टीम ने घर में प्रवेश करते ही कलादास व उसके परिवार वालों का मोबाइल बंद कर दिया गया। इसके बाद घर के भीतर जाकर एक-एक सामान की जांच की गई। एनआईए को कलादास के घर से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। इस दौरान एनआईए ने एक पेनड्राइव, मोबाइल फोन और कलादास डहरिया की बेटी का लैपटॉप को जब्त कर लिया। इसके बाद एनआईए की टीम ने एक अगस्त को कलादास डहरिया को पूछताछ के लिए रांची बुलाया गया।
मजदूरों के लिए काम करता हूं : कलादास
एनआईए की कार्रवाई पर कलादास डहरिया का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई भाजपा सरकार के इशारे पर हो रही है। उनका कहना है कि वे 90 से छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से जुड़े हुए हैं और लगातार मजदूरों के हितों के लिए काम करते हैं। एसीसी कंपनी अड़ानी के हाथों में जाने के बाद भी हमने मजदूरों के हक की बात की उसके आवास व सुविधाओं की बात की। कलादास का कहना है कि सरकार उसका मुंह बंद करना चाहती है इसलिए यह छापेमारी की गई है।
नक्सलियों से सांठगांठ का आरोप गलत
कलादास डहरिया ने कहा कि एनआईए की टीम ने नक्सलियों से सांठगांठ को लेकर भी सवाल किया है। नक्सलियों से संपर्क को लेकर पूछताछ की है। एनआईए ने कहा कि नक्सलियों से संपर्क की सूचना है। झारखंड के कुछ संदिग्ध संस्थाओं से संपर्क की बात भी की। कलादास का कहना है नक्सलियों से सांठगांठ की बात सही नहीं है। हसदेव अरण्य की बात की, एसीसी जामुल में मजदूर विरोधी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। कई लोगों के पास हमारा नंबर हो सकता है कि इसका मतलब यह नहीं कि नक्सलियों से संपर्क है।
जांच में हमने किया सहयोग
कलादास ने कहा कि हमने एनआईए की टीम का पूरा सहयोग किया है। एनआईए की टीम ने एक पेनड्राइव और उसकी बेटी का लैपटॉप जब्त किया है। पेनड्राइव में जनआंदोलन से जुड़ा एक पर्चा है। उस पर्चे में झारखंड से जुड़े कुछ लोगों के नाम भी हैं जो आंदोलन से जुड़े थे। इसके अलावा एनआईएक को घर से कुछ भी नहीं मिला। और एक अगस्त को रांची जाएंगे और जो भी पूछताछ करेंगे उसका जवाब देंगे। कलादास डहरिया ने बताया कि एनआईए की टीम के साथ जामुल थाने की पुलिस, दुर्ग कलेक्टर ऑफिस से अधिकारी व तहसीलदार भी पहुंचे थे।