रायगढ़। अभाविप डिग्री कॉलेज के द्वारा 11 जुलाई को प्रिंसीपल को ज्ञापन देखर इन्हें प्रभार से हटाने की मांग की गई थीं छात्रों ने इनपर भेद भाव करने आरोप लगाया था जिसके बाद दिनांक 16 जुलाई को प्राचार्य के द्वारा लेटर जारी कर के प्रभारी प्रोफेसर को पद से हटाया गया अभाविप ने ज्ञापन देकर बताया है था कि प्रोफेसर छात्र संघ प्रभारी के रूप में छात्रों के साथ भेदभाव करती है उनकी मानसिकता पूर्णतः कांग्रेस के कार्यकर्ता जैसी है जब कि वे जिस पद पर है उस पद पर निष्पक्ष व्यक्ति का होना आवश्यक है। वर्ष 2023 में हुए वार्षिक स्नेह सम्मेलन में अभाविप को पूर्णतः नजर अंदाज करते हुए प्रोफेसर ने अपने चहितो को कार्यभार सौंपा था पूरे कार्यक्रम में अपनी ही मनमानी चलाई थी जिसके बाद वर्ष 2024 में हुए वार्षिक स्नेह सम्मेलन में भी प्रभारी ने छात्रों के साथ पक्षपात किया था जिससे विद्यार्थी परिषद में काफी आक्रोश था साथ ही कार्यक्रम सम्पन्न होने के एक कमरे के अंदर अपने चहितो को बुला कर पुरस्कार वितरण करने के कारण भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता काफी आक्रोसीत थी लगातार प्रभारी के द्वारा हर क्षेत्र से छात्रों के साथ भेदभाव किया जा रहा था छात्र संघ प्रभारी होने के नाते उनका दायित्व था कि वे कॉलेज में कार्यरत छात्र संगठनों से बात चीत करे और उनकी समस्याओं को सुने पर प्रभारी प्रोफेसर मनोरमा पांडेय स्वयं छात्र संगठन के लिए समस्या बन चुकी थी क्योंकि वे छात्रों से पहले भाजपा और कांग्रेस देख कर के काम करती थी।
प्रभारी प्रोफेसर का व्यवहार छात्रों के साथ बिल्कुल भी सही नहीं था वे हमेशा छात्रो के बीच भेदभाव करती थी वर्ष 2024 के वार्षिक स्नेह सम्मेलन को बिगाड़ने में भी उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ा था मंच से उन्होंने हमारे संगठन के कार्यकर्ताओं का अपमान किया था वही पूर्व के हुए कार्यक्रम में उन्होंने सारी व्यवस्था अपने चहितो को दे रखी थी उस कार्यक्रम का अभी तक कोई हिसाब नहीं है साथ ही उन्होंने छुट्टी के समय मे एक कमरे के अंदर अपने चहितो को बुला कर पुरस्कार वितरण किया जिससे स्नेह सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की भावनाएं आहात हुई दूर ग्रामीण क्षेत्र से जो छात्र कार्यक्रम में सहभाग लिए थे उनको पुरस्कार मिल ही नहीं सका। प्रभारी प्रोफेसर का ऐसा व्यवहार बिल्कुल भी सही नहीं था वे हमेशा गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया करती थी छात्रों के प्रति हमेशा उनका भेदभाव का नजर रहा था ऐसे में उन्हें पद से हटाना बहुत आवश्यक था इसलिए विद्यार्थी परिषद ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाने की मांग की थी जो कि 16 जुलाई को पूरी हो गयी मैं सभी छात्र छात्राओ को बधाई देता हूँ उन्होंने अपने हक की लड़ाई लड़ी और एक राजनिकित मानसिकता के साथ चलने वाली प्रोफेसर को महत्वपूर्ण पद से हटवाया-सौरभ नामदेव
छात्र डिग्री कॉलेज, जिला संयोजक अभाविप रायगढ