रायपुर। छत्तीसगढ़ में वन अपराध रोकने के लिए उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में अधिकारियों ने केंद्रीय एजेंसी डायरेक्टोरेट आफ रेवेन्यु इंटिलिजेंस (डीआरआई) की मदद लेना शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले ओडिशा के वन अपराधियों के पास से भारी संख्या में पैंगोलिन खाल की सूचना पर उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और ओडिशा वन अधिकारियों ने संयुक्त आपरेशन चलाया। जहां दो तस्कर से 160 नग पैंगोलिन खाल जब्त की गई। गिरफ्तार आरोपित भास्कर माझी (22) कालाहांडी और दूसरा लक्ष्मण माझी (35) नबरंगपुर जिले के है। जिसको नबरंगपुर-कालाहांडी बार्डर के पास पकड़ा गया।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी और दक्षिणी कालाहांडी में शेड्यूल-1 प्रजाति के वन्यजीव पैंगोलिन खाल होने की सूचना मिलने पर छापे की कार्रवाई की गई। छापे की कार्रवाई में डीआरआई की टीम के साथ ओडिशा वन अफसरों की टीम को शामिल किया गया। इस दौरान दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पैंगोलिन खाल की जब्ती की गई।
पहली बार ली केंद्रीय एजेंसी की सहायता
वन अफसरों ने वन्यजीव अपराध में छापे की कार्रवाई में किसी केंद्रीय एजेंसी को पहली बार शामिल किया गया है।अफसरों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के शामिल होने से दूसरे राज्य में जाकर रेड कार्रवाई करने में आसानी होती है। इस वजह से पुख्ता जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय एजेंसी को शामिल किया गया। आखिरकार सफलता भी मिली।
दो तस्करों से पैंगोलिन की खाल होने की सूचना पर ओडिशा वन अफसरों के साथ डीआरआई की मदद से छापे की कार्रवाई की गई। कार्रवाई पैंगोलिन खाल के साथ दो आरोपित को गिरफ्तार किया गया।
वरूण जैन, डिप्टी डायरेक्टर, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व