Raigarh News: ठेकेदार की हत्या के मामले में पांच साल बाद आया फैसला, आरोपी को उम्र कैद की सजा 

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रायगढ़ टॉप न्यूज 10 मई 2024। अपने ठेकेदार मालिक के शारीरिक शोषण से त्रस्त मजदूर के द्वारा ठेकेदार की धारदार हथियार से निर्मम हत्या करने के बाद शव को कई टुकडों में बांटकर साक्ष्य छिपाने के इरादे से इधर उधर फेंक देने के सनसनी खेज मामले में करीब पांच साल बाद अदालत ने आरोपी को दोष सिद्ध करार देते हुए उम्र कैद और जुमार्ने से दंडित किया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी मिथलेश सिंह नव दुर्गा फ्यूल प्राईवेट लिमिटेड सराईपाली में लेवर सप्लायर का ठेकेदारी का काम करता है । उसका साला संदीप सिंह अपनी पत्नी संध्या के साथ भगवानपुर मारूति शो रूम के सामने रहता है । उसका कोई बच्चा नही है, जो अपनी साली सिम्पल सिंह पति धर्मेन्द्र सिंह के लडका समीर सिंह को गोदनामा लेकर रखा है। संदीप सिंह एक प्लांट के डीआरआई सेक्शन में लेबर सप्लाई का ठेकेदारी का काम करता है और शराब पीने का आदि है । 19 अक्टूबर की रात पौने 1 बजे संध्या सिंह अपने ननद पूनम सिंह से मोबाईल से बताई कि आपके भाई संदीप सिंह शाम साढ़े 7 बजे से ड्यूटी गए है जो अभी तक वापस घर नही आयें है। संतोष सिंह को फोन की बताई, तब वह अपनी पत्नी पूनम सिंह के साथ संदीप के घर गए वहां संतोष सिंह अपनी पत्नी के साथ था । संतोष सिंह ने संध्या सिंह एवं उसके बच्चे को कार में बैठा कर किरोड़ीमल नगर तरफ पतासाजी करने गए कोई पता नही चला। उसके बाद सभी मिलकर संदीप सिंह की पतासाजी किये, थाना में भी सूचना दिये थे कि सुबह लगभग 8 बजे पता चला कि एक स्कूल के आगे मान सरोवर तालाब के मेड के पास एक व्यक्ति का शव पड़ा है उसका सिर कमर से नीचे भाग नही है, तब वह देखने गया तो एक व्यक्ति का शव बिना सिर एवं कमर के नीचे भाग का नही था पेट का अतडी निकला पड़ा था। जिसे देखकर पहचान किये तो उसका साला संदीप सिंह का शव था उसके साला संदीप सिंह को कोई अज्ञात व्यक्ति रात्रि में किसी धारदार हथियार से गला, कमर के उपर भाग को काटकर हत्या कर धड भाग को छिपा दिया है उसके साला संदीप के सिर कमर के नीचे भाग का हिस्सा नही है ।























उक्त मामले में सेंशन कोर्ट के न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार ठाकुर ने दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात इस मामले में आरोपी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास, धारा 201 के तहत सात वर्ष कारावास तथा एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। इस मामले में अपर लोक अभियोजक विमला महंत ने पैरवी की।

 



































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