रायगढ़ के ग्राम परसदा में 100 बिस्तर के कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल का हुआ लोकार्पण
कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल में ओपीडी एवं आपातकालीन इमरजेंसी सुविधाएं हुई प्रारंभ
रायगढ़, 25 फरवरी 2024/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राजकोट गुजरात से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 2280 करोड़ की लागत से देशभर के 21 ईएसआईसी मेडिकल कालेजों, अस्पतालों और औषधालयों की योजनाओं का लोकार्पण एवं उदघाटन किया। इससे 56 लाख लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। जिसमें रायगढ़ के परसदा में 100 बिस्तर के कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल भी शामिल है।
वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन ग्राम-परसदा, किरोड़ीमल नगर, रायगढ़ के कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अस्पताल में किया गया। मौके पर राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय परिषद के सदस्य एवं कर्मचारी प्रतिनिधि श्री एल.पी. कटकवार, श्री मुकेश जैन, श्री के.जी.सुरेश, क्षेत्रीय निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, रायपुर एवं श्रीमती सुकेशीनी जाधव, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक विशेष रूप से उपस्थित रहे। साथ ही रायगढ़ क्षेत्र के 25 नियोक्ता गण एवं लगभग 100 बीमित हितग्राही उपस्थित रहे। अस्पताल में वर्तमान में ओपीडी एवं आपातकालीन इमरजेंसी सुविधाएं चालू हो चुकी हैं, जिसका लाभ कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लगभग 1 लाख से भी ज्यादा लाभार्थियों को मिलेगा।
राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय परिषद के सदस्य एवं कर्मचारी प्रतिनिधि एल.पी.कटकवार ने कहा कि जिले में कर्मचारी राज्य बीमा निगम का अस्पताल बन जाना बड़ी सौभाग्य की बात है। आज देश के प्रधानमंत्री मोदी ने रायगढ़ सहित अन्य स्थानों में अस्पताल का लोकार्पण किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश को लगातार उन्नति की राह पर ले जा रहे हैं। आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनने के साथ अधोसंरचना के क्षेत्र में भी देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री साय जब केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री थे तब उन्होंने इसकी स्वीकृति दी थी, जो आज यह ईएसआईसी अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है। इससे श्रमिक परिवारों को महंगे अस्पतालों में होने वाले खर्चों से निजात मिलेगा। कटकवार ने राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं की भी जानकारी दी और बताया कि श्रम कार्ड के माध्यम से रोजगार, उपचार, उनके बच्चों को छात्रवृत्ति, गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। श्रमिकों के बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए भी अनुदान दिया जाता है ताकि श्रमिक परिवार के बच्चे भी अच्छा नागरिक बन सके।