रायपुर। वित्त विभाग ने विभागीय खरीदी पर रोक लगा दी है। वित्त विभाग की तरफ से इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिया गया है। इसमें 29 फरवरी के बाद किसी भी तरह की खरीदी नहीं करने का निर्देश दिया गया है। इस निर्देश से कुछ खरीदी को अलग रखा गया है।
वित्त विभाग के उप सचिव ऋषभ पराशर के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि सामान्यत: वित्तीय वर्ष के अंतिम महीनों में अनेक विभागों द्वारा जल्दबाजी में केवल बजट उपयोग करने की दृष्टि से आवश्यकता न होने पर भी सामग्री क्रय की जाती है जिससे शासन की राशि अनावश्यक रूप से अवरूद्ध हो जाती है। यह प्रकिया शासन के हित में नहीं है। इसी वजह से 2023-2024 के बजट में प्रावधानित राशि से 29 फरवरी, 2024 के बाद क्रय पर पूर्णतः प्रतिबंध होगा।
अफसरों ने बताया कि वित्त विभाग की तरफ से इस तरह का आदेश हर वर्ष जारी किया जाता है। हालांकि कुछ कामों को इस आदेश के दायरे में बाहर रखा जाता है। इसमें केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना, केन्द्र प्रवर्तित योजना (केन्द्रांश प्राप्त होने पर आनुपातिक राज्यांश सहित कुल राशि में से), विदेशी सहायता प्राप्त परियोजना, केन्द्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्राप्त अनुदान, नाबार्ड पोषित योजना, सिडबी, राष्ट्रीय आवास बैंक तथा विशेष केन्द्रीय सहायता पोषित परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु क्रय की जाने वाली सामग्री।
– निर्माण विभागों (लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं वन विभाग) से संबंधित चालू परियोजनाओं में भंडार की स्थिति का आकलन करने के उपरांत आगामी एक माह में उपयोग आने वाली सामग्री।
– जेलों, शासकीय एवं राज्य कर्मचारी बीमा योजनान्तर्गत चल रहे अस्पतालों तथा विभिन्न विभागों द्वारा संचालित छात्रावासों व आश्रमों में भोजन, कपड़ा, दवाईयों का क्रय तथा अन्य प्रासंगिक व्यय । 4 पोषण आहार हेतु आगनबाडी केन्द्रों में प्रदाय किए जा रहे खाद्यान का क्रय तथा परिवहन।
– आसवनियों से खरीदी गई देशी मदिरा का क्रय
– पेटोल डीजल एवं वाहन मरम्मत से संबंधित खरीदी।
– लेखन सामग्री से संबंधित क्रय ( 5हजार रुपये तक)