रायगढ़। यूँ तो कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में परहित की भावना से धन दान देता है तो कोई अन्न दान तो कोई श्रद्धा से कुछ ना कुछ दान करता है।जीवन में दान करने की एक लंबी फेहरिस्त व परंपरा भी है और हर दान में विशेष महत्व का भी समावेश रहता है। यही वजह है कि हर दान को पुण्य व कल्याण का सूचक भी माना जाता है। वहीं समाज में कोई विरले ही होते हैं जो अपने शरीर के अंग और शरीर को भी मृत्योपरांत दान कर देते हैं ताकि किसी को नयी जिंदगी मिले या फिर मरने के बाद भी देह किसी का काम आए और जग का भला हो। परंतु ऐसे दानी हमारे समाज में नगण्य हैं।वहीं कुछ वर्षों से देहदान व अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता आने लगी है व लोग इसे अब तरजीह भी देने लगे हैं। ऐसे ही नेक ख्यालों से लबरेज महादानी के महासंकल्प को देख – सुन हर किसी का हृदय आनंद से भर जाता है तो अगाध श्रद्धा से मन भी उनके प्रति झुक जाता है। यूँ ही विरले, महादानी, पवित्र और गगन से भी उच्च विचारों से परिपूर्ण शहर के पांडेय दंपति हैं जो आज कलेक्टर कार्तिकेया गोयल व मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के समक्ष जीते जी अपने देह को दान किए ताकि इस दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी उनका देह मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के और जरुरतमंद लोगों का काम आए।
ये हैं महादानी पांडेय परिवार
शहर के वरिष्ठ पत्रकार बेहद मृदुभाषी मिलनसार व उद्भट विद्वान विनय पांडेय जो पत्रकारिता जगत के क्षेत्र में जिले ही नहीं अपितु देश में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में कामयाब हैं। लोचन नगर निवासी श्री पांडेय अपनी शादी की 25 वीं सालगिरह की खुशी में अपनी अर्द्धागिंनी श्रीमती रुपा पांडेय के साथ मृत्योपरांत देहदान का महासंकल्प लिए थे व मृत्योपरांत देहदान के इस पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता दिए। वहीं इन्होंने आज 13 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट में कलेक्टर कार्तिकेय गोयल, मेडिकल कॉलेज स्टॉफ सदस्यों व शहर के गणमान्य नागरिकों की विशेष उपस्थिति में मृत्योपरांत देहदान के महासंकल्प को पूरी शासकीय दस्तावेज प्रक्रिया पूर्ण कर इन्होंने अपने महासंकल्प को पूरा किए। वहीं पांडेय का यही कहना है कि – –
चलती साँस तक करुँ, हर संभव जग की सेवा
जब छोडूँ इस धरा को, मन में ना रहे कोई क्लेशा
आकर इस जग में किसने, क्या खोया, क्या पाया
मेरे अंतस की यही स्पृहा, परहित करे मेरी मृत काया
कलेक्टर ने दी शुभकामनाएं
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने देहदानी वरिष्ठ पत्रकार विनय पांडेय और उनकी अर्द्धागिंनी श्रीमती रुपा पांडेय के इस नेक विचार की सराहना करते हुए बधाई दी। वहीं उन्होंने कहा कि पांडेय दंपति के इस नेक कार्य से समाज के अन्य लोगों को भी मृत्योपरांत देहदान की प्रेरणा मिलेगी। जिससे मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों को अध्ययन व ज्ञानार्जन होगा साथ ही जरुरतमंद लोगों को एक नयी जिंदगी भी मिलेगी।
लोगों में आ रही जागरूकता
विक्रांत कुमार यादव सहायक कार्यालय अधीक्षक, लखीराम मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय रायगढ़ का कहना है कि विगत एक दशक के अंतराल में अब तक लगभग 85 लोग मृत्योपरांत देहदान का फार्म भर चुके हैं जिसमें से अब तक 12 लोगों की मृतदेह दान मिल चुकी है। इसकी जागरूकता के लिए मेडिकल कॉलेज द्वारा समय – समय पर कार्यक्रम किया जाता है।
मेडिकल केविद्यार्थियों का होगा हित
मृत्योपरांत देहदान का पुनीत संकल्प लीं रुपा पांडेय ने कहा कि मैंने खुद ही फैसला लिया है। क्योंकि मेरी हार्दिक इच्छा थी कि मेरे मृत्यु के बाद मेरा शरीर समाज के हित में काम आए। वहीं मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी मृत शरीर से शिक्षा मिलती है और वे अच्छे चिकित्सक बनते हैं। इन्हीं भावना से मृत्योपरांत देहदान किया और मुझे इस बात की खुशी भी है कि मेरी मृत देह समाज के काम में आएगी।
इनकी रही उपस्थिति
पांडेय दंपति के देहदान के पुनीत अवसर पर कलेक्टर कार्तिकेय गोयल, लखीराम मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय रायगढ़ के स्टॉफ सदस्य, जनसंपर्क अधिकारी राहुल सोन शहर के गणमान्य नागरिक, मीडिया से वरिष्ठ पत्रकार नरेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार युवराज सिंह आजाद, आनंद शर्मा, नवीन शर्मा, हरिशंकर गौरहा, शमशाद हुसैन, संतोष साव, निशा मसीह, रिवेश पोडवार, दिलीप पाठक सहित अनेक सदस्यों की उपस्थित रही ।