रायगढ़। थाना लैलूंगा ग्राम घटगाँव क्षेत्र में हुए सनसनीखेज डबल मर्डर केस की गुत्थी रायगढ़ पुलिस द्वारा सुलझा ली गई है । 11 फरवरी को सुबह लगभग साढ़े 11 बजे थाना लैलूंगा पुलिस को घटगांव के ग्रामीणों से सूचना मिली कि गांव की एक महिला नागवंशी उम्र लगभग 35 वर्ष का उसके घर पर और एक अन्य पुरुष संजय नाग उम्र लगभग 28 वर्ष का उसी घर के पास कच्चे रास्ते पर संदिग्ध परिस्थितियों में शव पड़ा है। सूचना मिलते ही एसपी रायगढ़ दिव्यांग कुमार पटेल द्वारा तत्काल लैलूंगा थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश जांगड़े और घरघोड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक शरद चंद्रा को साइबर सेल, फॉरेंसिक सीन ऑफ क्राइम यूनिट प्रभारी शत्रुघ्न सिंह श्याम और डॉग स्क्वाड के साथ घटनास्थल रवाना किया और स्वयं मामले के अन्वेषण की लगातार मॉनिटरिंग करते रहे । पंचनामा दौरान ही दोनो महिला पुरुष के गले में लिगेचर मार्क दिख रहे थे जिससे शुरू से ही दोनो की मृत्यु हत्यात्मक प्रवृत्ति की लग रही थी।
मामले की गंभीरता देखते हुए एसपी रायगढ़ दिव्यांग कुमार पटेल स्वयं थाना लैलूंगा पहुंचे और साइबर सेल से मिली जानकारी को जोड़कर संदेहियों से हिकमत अमली से पूछताछ शुरू हुई तब आरोपी सुलेचंद नाग ने बताया कि वह पहले से जानता था कि उसकी गैर मौजूदगी में गांव का संजय नाग उसकी पत्नी से मिलने आता है इस वजह से गांव में उसे अपने जान पहचान वालों के सामने शर्मिंदा होना पड़ रहा था। 10 और 11 फरवरी की दरम्यानी रात जब वह रायगढ़ पूंजीपथरा क्षेत्र से वापस अपने घर आया तब उसका दोस्त शंकर भी साथ था । घर पर अपनी पत्नी को संजय नाग के साथ आपत्तिजनक अवस्था में नशे में सोते देख उसी समय उसने दोनो को मारने का सोचा और शंकर की मदद से पहले संजय को घर में पड़े सफेद रंग की प्लास्टिक तार से गला घोंटकर मार डाला इस दौरान सुलेचन की पत्नी भी जाग गई और वहीं सहम कर बैठी रही । संजय के बाद श्रीमति को भी एक अन्य काले तार से उसी तरह गला घोंटकर मार डाला जिसके बाद दोनो अंधेरे में कपड़े पहनाया फिर फंस जाने के डर से संजय को उठाकर बाहर ले गए और बाजू के कच्चे रास्ते में रख दिया। इस दौरान उसके शव को गिराया भी जिस कारण माथे पर चोंट का निशान दिख रहा था। आरोपियों का प्लान घटना को फांसी का स्वरूप देने का था जिसके लिए गांव में अपने लोगों से उन्होंने पुलिस को गुमराह करने दोनो मृतकों द्वारा खुद से फांसी लगा लेने की झूठी कहानी की तैयारी की भी थी पर पंचनामा पीएम दौरान ही पुलिस को हत्या का शक हो गया था।
प्रकरण हत्या और साक्ष्य छुपाने का अपराध दर्ज कर दोनो आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर गवाहों के समक्ष क्राइम सीन का रिकंस्ट्रक्शन भी कराया गया है और मेमोरेंडम दर्ज कर फिजिकल एविडेंस भी बरामद किए गए हैं । वर्तमान में आरोपियों को न्यायिक रिमांड हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है।
प्रकरण को सुलझाने में जिले के एसपी श्री दिव्यांग कुमार पटेल के नेतृत्व में निरीक्षक राजेश जांगड़े, निरीक्षक शरद चंद्रा, सीन ऑफ क्राइम यूनिट इंचार्ज शत्रुघ्न सिंह श्याम तथा थाना लैलूंगा , साइबर सेल और चौकी रैरूमा के कर्मचारियों की सराहनीय भूमिका रही।