चंपई सोरेन सरकार ने जीता विश्वास मत…पक्ष में 47 मत पड़े 

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नई दिल्ली,। झारखंड में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है. गठबंधन दलों के 47 विधायकों ने उन्हें समर्थन दिया. वहीं विपक्ष को 29 वोट मिले. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे. फ्लोर टेस्ट के नतीजे का ऐलान झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने किया. चंपई सोरेन की जीत के बाद विधानसभा में सीएम के समर्थन नारेबाजी हुई. इसके बाद विधानसभा को आज के लिए स्थगित कर दिया गया और अगली बैठक मंगलवार को होगी.

81 सीटों वाले झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 विधायकों का है. आज यानी सोमवार के फ्लोर टेस्ट से पहले ही सीएम चंपई सोरेन ने बता दिया था कि उनके पास 47 विधायकों का समर्थन है. उन्होंने दावा किया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थक विधायकों का आंकड़ा 50 तक भी पहुंच सकता है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था.























 

चंपई सोरेन को किन दलों ने दिया समर्थन?

हेमंत सोरेन को कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों ने समर्थन किया. वहीं चंपई सरकार को सीपीआईएमएल के विधायकों ने भी अपना समर्थन दिया है. राज्य विधानसभा में बीजेपी के 26 विधायक हैं और एजेएसयू पार्टी के भी तीन विधायक भी विपक्षी खेमे में शामिल हैं. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी.

 

विधानसभा में क्या बोले चंपई सोरेन?

सीएम चंपई सोरेन ने बीजेपी पर हमला बोला और गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि फर्जी मामलों में उन्हें अरेस्ट किया गया है. उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. उन्होंने विश्वास प्रस्ताव पेश करने से पहले आरोप लगाया, “हेमंत सोरेन को फंसाने के लिए बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.” उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड की नई सरकार हेमंत सोरेन एडमिनिस्ट्रेशन की ही “पार्ट टू” है.

… तो छोड़ दूंगा राजनीति- विधानसभा में बोले हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले इस्तीफा देना पड़ा था. केंद्रीय एजेंसी ईडी उनके खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. उनपर जमीन घोटाले में शामिल होने का आरोप है. पूर्व सीएम सोरेन पीएमएलए कोर्ट की इजाजत के बाद विधानसभा में विश्वास मत के लिए पहुंचे थे. विधानसभा में अपने भाषण में उन्होंने ईडी को उनके खिलाफ मामलों को साबित करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि अगर मामले साबित होते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे.



































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