चंडीगढ़, पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने अपने पद से त्यागपत्र देते हुए इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है. उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए यह इस्तीफा दिया है. बनवारीलाल पुरोहित ने ने एक पत्र में कहा, “अपने व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण, मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं.”
अगस्त 2021 में उन्होंने पंजाब के 36वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. तब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि शंकर झा ने पंजाब राजभवन में बनवारीलाल पुरोहित को पद की शपथ दिलाई थी.
तीन बार रहे हैं लोकसभा सांसद
बनवारी लाल पुरोहित तीन बार लोकसभा सांसद रहे हैं और मध्य भारत के सबसे पुराने अंग्रेजी दैनिक ‘द हितवाद’ के प्रबंध संपादक रहे हैं. बेदाग छवि के पुरोहित की पहचान एक प्रख्यात शिक्षाविद्, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता राष्ट्रवादी विचारक की रही है. उनके पास सार्वजनिक जीवन में चार दशकों से भी अधिक का अनुभव रहा है.
16 अप्रैल 1940 को जन्मे पुरोहित ने अपनी स्कूली शिक्षा बिशप कॉटन स्कूल, नागपुर और राजस्थान से की. उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य की डिग्री प्राप्त की. उनकी सक्रिय राजनीति में काफी रुचि थी और उन्होंने महाराष्ट्र के पिछड़े क्षेत्र विदर्भ की लगातार उपेक्षा के खिलाफ लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया. उन्होंने 1978 में नागपुर पूर्व क्षेत्र से और 1980 में नागपुर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता. 1982 में, उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में शहरी विकास, स्लम सुधार और आवास राज्य मंत्री के रूप में काम किया.
1984, 1989 और 1996 में वह तीन बार नागपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे और उन्हें सबसे अधिक प्रश्नों के साथ सबसे सक्रिय लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए.