रायगढ़ टॉप न्यूज 20 जनवरी। सहारा समूह के मैनजिंग डायरेक्टर करूणेश अवस्थी की जमानत याचिका की सुनवाई सत्र न्यायालय रायगढ़ में सेशन जज माननीय अरविन्द कुमार सिन्हा के समक्ष बीते शुक्रवार 19 दिसम्बर को षुरू हुई, जिसमें करूणेश अवस्थी नें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्तागण के माध्यम से जमानत याचिका पेश कर स्वयं को निर्दोष बताते हुए एवं कुल 28 में से 26 मामलों मे जमानत मिल जाने के आधार पर जमानत देने की मांग किया था।
करूणेश अवस्थी की जमानत याचिका का विरोध करने सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कंकरवाल सहित विकास निगानिया, धरणीधर बाजपेयी, रविशकर दुबे एवं रायगढ़ के दूरस्थ अनेकों गांव के निवेशक भी सेशन कोर्ट रायगढ़ में इकट्ठा हो गए, जहां उन्होंने सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा-आशीष कुमार मिश्रा के मार्फत लिखित आपत्ति न्यायालय में दर्ज कराया एवं तर्क के दौरान सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा ने न्यायालय में करूणेश अवस्थी के विरूद्ध समूचे भारत के पुलिस थानों में लगभग 126 आपराधिक प्रकरण दर्ज होना बताते हुए लगभग 14 ऐसे प्रकरणों की सूची पेश किया, जिसमें यह मैनेजिंग डायरेक्टर ‘‘मोस्ट वांटेड’’ है।
अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा ने करूणेश अवस्थी पर न्यायालय में झूठे आधारों पर जमानत पेष करने का आरोप लगाते हुए कहा यह आरोपी ही ऑउथर ऑफ द क्राइम है, जो 126 मामलों में वांटेड है लेकिन न्यायालय को गुमराह करने के लिये केवल 28 मामलों में आरोपी होने और 26 मामलों में जमानत प्राप्त हो जाने का झूठा कथन कर रहा है। भरी अदालत में निवेशकों की ओर से वह दस्तावेज भी पेश किया गया, जिसमें करूणेश अवस्थी नें ‘‘क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्टस रेंज लिमिटेड’’ नामक निवेश कंपनी के डायरेक्टर की हैसियत से भी भारी भरकम रकम की धोखाधड़ी किया है।
करूणेश अवस्थी की ओर से न्यायालय में इस तर्क को प्रमुखता से उठाया गया था कि निवेशकों की रकम वापसी के लिये सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पोर्टल बन चुका है इसलिये अब आपराधिक प्रकरण में उसे जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। इस तर्क का विरोध करते हुए निवेशकों के अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा ने न्यायालय को बताया कि पोर्टल से रकम वापसी की समय सीमा दिसम्बर 2022 में ही समाप्त हो गई है एवं उक्त पोर्टल सहारा इंडिया में निवेशित जमा रकम के संबंध में बनाया गया था, जबकि आरोपी मैनेजिंग डायरेक्टर ने ‘‘क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्टस रेंज लिमिटेड’’ और ‘‘स्टार मल्टी’’ जैसी सैकड़ो फर्जी कंपनियों का मैनेजिंग डायरेक्टर बन कर निवेशकों को बॉन्ड जारी किया है, जिनके संबंध मे कोई पोर्टल बना ही नही है।
दोनो पक्ष की लम्बी बहस सुनने के बाद सेशन जज अरविन्द कुमार सिन्हा ने मैनेजिंग डायरेक्टर करूणेश अवस्थी की जमानत याचिका खारिज कर दिया एवं अपने आदेश में लेख किया कि आरोपी के विरूद्ध भारत के विभिन्न पुलिस थानों में कई प्रकरण दर्ज हैं एवं उसने फायनेंस कम्पनी डायरेक्टर की हैसियत से कार्य किया है इसलिये उसे जमानत पर मुक्त करना उचित नहीं हैै।
सेशन कोर्ट से जमानत पर फैसला आने के बाद अपनी गाढ़ी कमाई को सुनहरे सपनों के साथ जमा करने वाले निवेशकों को बहुत बड़ी रहत मिली है।
सेशन कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कंकरवाल एवं निवेशक विकास निगानिया,धरणीधर बाजपेयी एवं रविषंकर दुबे ने इसे असत्य पर सत्य की जीत करार देते हुए कहा कि न्यायालय में अपने आप को सहारा का छोटा सा कर्मचारी बताने वाले मैनेजिंग डायरेक्टर करूणेश अवस्थी की सम्पत्ति की अगर जांच कराई जाए, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि निवेशकों से ठगी करके इसने लाखों करोड़ की चल-अचल संपत्ति हासिल किया है एवं इसकी उक्त संपत्तियां भी कानून के तहत कुर्की योग्य संपत्ति हैं, जिसे कुर्क कराकर उक्त संपत्तियों की नीलामी के मार्फत निवेशकों की रकम वापस कराने की विधिवत् कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी।