जगदलपुर।Jagdalpur News: बस्तर में भी खेती किसानी में नए दौर की शुरुआत हो रही है। फसल चक्र परिवर्तन के साथ किसानों को अत्याधुनिक संसाधनों के इस्तेमाल से कम लागत में बेहतर उपज लेने का प्रशिक्षण देने का काम कृषि एवं सहकारिता की मदद से दिया जा रहा है। संयुक्त रूप से इस काम के लिए जिला प्रशासन के नेतृत्व में काम हो रहा है। फसलों को कीट प्रकोप से बचने के लिए पहली बार इसी सिलसिले में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। कृषि विभाग को योजना बनाने का निर्देश दिया गया है, जबकि स्थानीय सहकारी समितियों में यह ड्रोन रखे जाएंगे जिसे निर्धारित किराए पर किसान ले जाकर अपने खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकेगा।
जीपीएस तकनीक के साथ चुनिंदा और आवश्यक जगह पर कीटनाशक के इस्तेमाल से इसके संक्रमण को तेजी से फैलने से रोका जा सकता है। ड्रोन का इस्तेमाल इसलिए काफी उपयोगी साबित होता है और इसी का प्रशिक्षण किसानों को देने के लिए वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है। सरकार की कंपनी एनएफएल के संयुक्त तत्वाधान में इसका डेमोंसट्रेशन फिलहाल किया जा रहा है जिसमें नैनो यूरिया का छिड़काव खेतों में किया जा रहा है।
नैनो यूरिया बड़ी लागत के अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक के विकल्प के तौर पर तेजी से इस्तेमाल होना शुरू हुआ है जिससे सरकार को बड़ी सब्सिडी देने से राहत मिलेगी साथ ही किसानों पर भी आर्थिक बोझ कम पड़ेगा। इस तरह के नए प्रयोगों के जरिए खेती में किसानों को बेहतर लाभ देने के इरादे से ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया गया है।