Raigarh News: देवउठनी एकादशी व्रत व सामूहिक तुलसी विवाह उद्यापन रेड क्वीन होटल में कल

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रायगढ़ टॉप न्यूज 22 नवंबर 2023। दानवीरों की नगरी, अक्षत ऊर्जा का स्रोत, धर्म नगरी , संगीत और नृत्य के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध रायगढ़ नगरी के रेड क्वीन होटल में सामूहिक तुलसी विवाह और एकादशी उद्यापन का कार्यक्रम दिनांक 23 और 24 को संरक्षक सुनील लेंध्रा सीमा लेंध्रा के दिशानिर्देश पर एवं आयोजन संपर्क रेखा महमिया सुनीता अग्रवाल के मार्गदर्शन पर युवा हृदय सम्राट , कृष्णानुरागी , भागवत कथा वाचक , राम कथा वाचस्पति , शिव महापुराण के प्रखर आचार्य पंडित शिवम विष्णु जी पाठक वृंदावन के व्यास पीठ से संपन्न होने जा रहा है । रेखा महमिया ने बताया कि – यह कार्यक्रम रायगढ़ ही नहीं अपितु छत्तीसगढ़ के लिए एक अनूठा और आश्चर्यभूत कर देने वाला कार्यक्रम का आयोजन सामूहिक तुलसी विवाह और एकादशी उद्यापन है। जिसकी शोभायात्रा अपने आप में अनूठा व तुलसी विवाह के लिए निकली हुई बारात रायगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक पल होगा । सुनील लेंध्रा ने बताया कि – तुलसी विवाह बारात में आप सभी के सभी शामिल होकर पुण्य के भागी बने ।

व्यासपीठ अध्येता कृष्णानुरागी पंडित शिवम विष्णु जी पाठक वृंदावन वाले का आगमन हो चुका है । उनसे जब सामूहिक तुलसी विवाह और एकादशी उद्यापन के विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि – जिस वस्तु का त्रिलोक में मिलना दुष्कर है, वह वस्तु भी कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की प्रबोधिनी एकादशी के व्रत से मिल जाती है । इस व्रत के प्रभाव से पूर्व जन्म के किये हुए अनेक बुरे कर्म क्षणभर में नष्ट हो जाते है। जो मनुष्य श्रद्धा पूर्वक इस दिन थोड़ा भी पुण्य करते हैं, उनका वह पुण्य पर्वत के समान अटल हो जाता है। उनके पितृ विष्णु लोक में जाते हैं । ब्रह्महत्या आदि पाप भी प्रबोधिनी एकादशी के दिन रात्रि को जागरण करने से नष्ट हो जाते हैं । मनुष्य को भगवान की प्रसन्नता के लिए कार्तिक मास की इस एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए । जो मनुष्य इस एकादशी व्रत को करता है, वह धनवान, योगी, तपस्वी तथा इन्द्रियों को जीतनेवाला होता है ।क्योंकि एकादशी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है । इस एकादशी के दिन जो मनुष्य भगवान की प्राप्ति के लिए दान, तप, होम, यज्ञ , तुलसी विवाह आदि करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य मिलता है । इस एकादशी के दिन मनुष्य को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और पूजा करनी चाहिए । रात्रि को भगवान के समीप गीत, नृत्य, कथा – कीर्तन करते हुए रात्रि व्यतीत करनी चाहिए। इसका फल तीर्थ और दान से करोड़ गुना अधिक होता है ।























एकादशी उद्यापन को लेकर होटल रेड क्वीन में बैठक संपन्न हुई, जिस बैठक में एकादशी उद्यापन की सारी तैयारियां पुरी की जा चुकी है की जानकारी देते हुए रेखा महमिया ने बताया कि – उद्यापन में बैठने वाले व्रतियों के लिए तीन कुर्सी बैठने के लिए रहेगी , दो कुर्सियों पर आसन बिछा रहेगा। उद्यापन कर्ता के सामने टेबल लगी होगी, जिस पर चौकी रहेगी। चौकी पर कलश स्टील लोटा, शालिगग्राम भगवान , आसन में श्रृंगार सहित , भगवान का वस्त्र, धोती एवं गमछा , टेबल पर तुलसी गमला सजावट सहित रहेगा, तुलसी जी के लिए सुहाग पिटारी, श्रृंगार सामग्री रहेगी । यजमानों के लिए टेबल पे अलग अलग हवन कुंड सहित हवन सामग्री की व्यवस्था रहेगी । उद्यापन हेतु स्वर्ण मूर्ति एवं स्वर्ण नथ समिति द्वारा दी जाएगी। इस तैयारी को मंजिल तक पहुंचाने में इनकी अहम् भूमिका रही , जिसमें सुनील भैया लेंधरा, अनिल गर्ग, संजय तायल सुभाष चिराग,पूनम महमिया, गोपाल बालाजी, कमल सुहागन, नरेंद्र रतेरिया, सीमा लेंधरा सुनीता अग्रवाल, सुमन सांवरिया , वन्दना बंसल, रानू, नीमा, पायल पुष्पक, सीमा, शीतल गंज,प्रिया अग्रवाल , ममता, सरोज, संतोष, रीना, सीमा, शीतल व सदस्य अन्य पदाधिकारीयों ने अथक प्रयास और मेहनत से तैयारियां पूरी की हैं ।



































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