रायगढ़ टॉप न्यूज 2 नवंबर 2023। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने घोषणा करते हुए रायगढ़ विधान सभा में ओपी चौधरी का चुनावी सारथी विजय अग्रवाल को घोषित किया है। विजय अग्रवाल की घोषणा होते ही भाजपा के पक्ष में उत्साह का संचार नजर आने की संभावना में जोर पकड़ा है। पूर्व विधायक विजय अग्रवाल भाजपा के कद्दावर नेताओं में है। सन 1993 में पहला चुनाव लड़ने वाले विजय अग्रवाल कांग्रेस विधायक के के गुप्ता के हाथो पराजित हुए उसके दस साल बाद छग का पहला चुनाव कांग्रेस के विधायक एवम स्वास्थ्य मंत्री के के गुप्ता को पराजित कर जीत की बोहनी की। विजय अग्रवाल के कार्यकाल में रायगढ़ में ढेरो विकास कार्य ऐसे हुए जो मिल का पत्थर साबित हो रहे है।
इस जीत के पहले विजय अग्रवाल भाजपा से निष्कासित थे। सन 2008 में पार्टी ने उन्हें टिकट दिया लेकिन वे शक्राजीत के हाथो पराजित हो गए। सन 2013 में पार्टी ने उन्हें टिकट नही दिया। 2008 में हार के बाद विजय अग्रवाल की सक्रियता में कोई कमी नही आई । 2013 में टिकट नही मिलने पर उन्हे यह आशा थी कि पार्टी उन्हे 2018 के चुनाव में टिकट देगी लेकिन पार्टी ने उनकी अनदेखी की। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडा और रायगढ़ के राजनैतिक इतिहास में पहली बार किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने 43000 वोट हासिल कर इतिहास रचा वे भाजपा की जीत में रोड़ा बने। पार्टी ने उन्हे पुनः निष्कासित किया गया। विजय अग्रवाल के चुनाव चिन्ह टीवी से भाजपा के हार का समाचार जारी हुआ। भाजपा से निष्कासित होने के बाद भी विजय अग्रवाल की भाजपा की राजनीति में प्रासंगिकता बनी रही और पार्टी ने कुछ महीने पहले ही वापसी भी कराई । वे भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार भी रहे लेकिन भाजपा ने युवा तुर्क ओपी चौधरी को टिकट दिया। पन्द्रह दिन पहले ही ओपी को टिकट मिलने की सूचना आने के बाद संचालक नही बनाए जाने के निर्णय भाजपा के अंदर चल रही गुटीय राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा था। नामांकन दाखिल होने के बाद विजय अग्रवाल को संचालक बनाए जाने के निर्णय भाजपा के बड़ी सूझ बूझ भरा निर्णय माना जा रहा