रायगढ़ टॉप न्यूज 2 अक्टूबर 2023। 02 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी-बर्रा में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार थवाईत के देश-भक्ति वक्तव्य और उनके मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने महात्मा गांधी के दृष्टिकोण और मौलिक नैतिकता के प्रति गहरा समर्पण दिखाया। इस दौरान थवाईत ने सत्याग्रह जिसे ‘सत्य की शक्ति’ के रूप में अनुवादित किया जा सकता है, प्रेषित अद्वितीय अद्भुत आंदोलन के बारे में बताया। उन्होंने नेल्सन मंडेला, मदर टेरेसा, अलबर्ट आइंस्टीन सहित दुनिया के अनुकरणीय दिग्गजों के उदाहरण दिए और गांधी जी के मोहन से महात्मा बनने तक के सफर को उजागर किया।
विदित हो कि इस अवसर पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ। खास-तौर पर उनके विकासखंड समन्वयक श्री तन्मय चक्रवती के संबोधन ने समारोह को और भी महत्वपूर्ण बनाया। चक्रवती ने विद्यार्थियों को अपना ज्ञान बढ़ाने, भारत का संविधान पढऩे, अपने अधिकार जानने और अगर कोई गलत करे तो उसे रोक सकने की शक्ति विकसित करने के लिए प्रेरित किया। समारोह के दौरान सहा. प्राध्या. वासुदेव प्रसाद पटेल और आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक डॉ. ज्ञानमणी एक्का ने भी विद्यार्थियों को उनके मार्ग प्रशस्तीकरण में महत्वपूर्ण टिप्स दिए। पटेल ने महात्मा गांधी के आदर्शों और एकता के प्रति उनके दृष्टिकोण को प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत किया। सहा. प्राध्या. एवं रेड क्रॉस नोडल अधिकारी योगेंद्र कुमार राठिया ने भी ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष की गाथा दोहराते हुए वर्तमान में अन्ना हजारे के आंदोलन तक हमें संघर्षों से प्राप्त अमूल्य उपलब्धियों के बारे में सारांश में समझाया।
बी.ए. द्वितीय वर्ष के छात्र गुलशन महंत ने गांधी जी के जीवन परिचय और बी.एस.सी. अंतिम वर्ष की छात्रा कु. मधु महंत ने मेरे सपनों का भारत विषय पर जबरदस्त भाषण व बी.एस.सी. अंतिम की छात्रा कु. मनीषा देवांगन ने गांधी जी पर सत्य के पुजारी शीर्षक पर मधुर गीत प्रस्तुत किया। साथ ही साथ सभी विद्यार्थियों ने स्व.मोहनदास करमचंद गांधी के महात्मा पद पर चलने का प्रण लिया। अभ्यास के दौरान समाज सेवा के बारे में जानकारी प्रश्नोत्तरी के माध्यम से विद्यार्थियों को गांधी के विचारों का महत्व समझाने का मौका मिला। इस दौरान मंच का सफल संचालन राहुल राठौर ने किया। मुख्य लिपिक पी.एल. अनंत, अथिति व्याख्याता रितेश राठौर, रेवती राठिया सहित रानू चंद्रा व श्री ओमकेश्वर सिंह राठिया का विशेष योगदान रहा।