नई दिल्ली, दिल्ली को प्रदूषण और भीड़भाड़ से बचाने के लिए बनाई जा रही दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर ने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. इसके अंतर्गत दिल्ली मेट्रो के ब्लू लाइन के ऊपर से आरआरटीएस कॉरिडोर का वायाडक्ट सफलतापूर्वक तैयार कर लिया गया है.
न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास तैयार हुआ वायाडक्ट
आरआरटीएस कॉरिडोर का यह वायाडक्ट न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास लगभग 20 मीटर की ऊंचाई पर दिल्ली मेट्रो के कॉरिडोर को पार कर रहा है. ऊँचाई पर पहले से मौजूद मेट्रो ट्रैक के ऊपर से सफ़लतापूर्वक निर्माण कार्य करना इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है. मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इस हिस्से के वायाडक्ट का ज्यादातर काम रात में किया गया है. यहाँ काम करना चैलिंजिंग था क्योंकि इस स्थान पर दोनों तरफ काम करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी.
सराय काले खाँ आरआरटीएस स्टेशन से न्यू अशोक तक एलिवेटेड अलाइनमेंट
सराय काले खाँ आरआरटीएस स्टेशन से न्यू अशोक आरआरटीएस स्टेशन की ओर बढ़ते हुए कॉरिडोर का एलिवेटेड अलाइनमेंट दिल्ली मेट्रो के वायाडक्ट को क्रॉस करता है. ये दिल्ली मेट्रो का ब्लू लाइन रूट है, जिससे रोज़ाना बड़ी संख्या में लोग सफ़र करते हैं. ऐसे में मेट्रो सेवा पर बिना कोई असर डाले इसके ऊपर निर्माण करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था.
मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन एनसीआरटीसी द्वारा निर्माणाधीन आरआरटीएस का मूल सिद्धांत है. इसके अंतर्गत यात्रियों की सुगम और निर्बाध यात्रा के लिए आरआरटीएस स्टेशनों की योजना रणनीतिक रूप से इस प्रकार बनाई गई है कि इन्हें मौजूदा सार्वजनिक परिवहन साधनों के जितना हो सके, उतना करीब बनाया जाए और इनमें आपस में कनेक्टिविटी प्रदान की जाए. इसके लिए एनसीआरटीसी को निर्माण एवं सिविल इंजीनियरिंग संबंधी कई जटिलताओं का भी सामना करना पड़ा. न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री नोएडा से आते हैं. मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के माध्यम से भविष्य में ये यात्री न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पहुँचकर सीधी रैपिड रेल पकड़कर मेरठ या दिल्ली की ओर यात्रा कर सकेंगे.
न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन से कनेक्ट होगा न्यू अशोक नगर के मेट्रो स्टेशन
न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन को न्यू अशोक नगर के मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए लगभग 90 मीटर लंबा और करीब 6 मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया जाएगा, जो मेट्रो के कॉनकोर्स लेवल पर कनेक्ट होगा. इस फुटओवर की ऊंचाई ज़मीन से करीब 8 मीटर होगी. इसके तैयार होने से रैपिडएक्स और मेट्रो के यात्री स्टेशन से बाहर निकले बिना ही दूसरे स्टेशन तक पहुंच सकेंगे. यह न केवल यात्रियों की तनाव मुक्त यात्रा सुनिश्चित करेगा बल्कि परिवहन साधनों के बाहर लगने वाले ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ को नियंत्रित करने में भी मुख्य भूमिका निभाएगा.
यह महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए विशेष रूप से सुविधाजनक होगा. साथ ही आस-पास के क्षेत्रों की स्टेशन तक बेहतर कनेक्टिविटी और पहुंच प्रदान करने के लिए एनसीआरटीसी इस स्टेशन पर दो और एफओबी का भी निर्माण कर रहा है.
दिल्ली में एलिवेटेड सेक्शन के लिए अब तक 5 किलोमीटर से ज्यादा लंबे वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है. इसके साथ ही पिलर निर्माण का भी 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बाकी का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि जून 2025 तक पूरे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को शुरू कर दिया जाए. उसके पहले, इसी साल जल्द ही 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को जनता के लिए खोल दिया जाएगा.