Raigarh News: जिन्दल आदर्श भारती में शिक्षक दिवस समारोह

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रायगढ़ टॉप न्यूज 5 सितंबर 2023। छत्तीसगढ़ अशासकीय शिक्षक प्रबंधन संघ के आह्वान पर शासन की नीतियों का विरोध स्वरुप आदर्श भारती शिक्षण समिति प्रबंधक द्वारा काली पट्टी बांधकर उक्त आह्वान पर विरोध प्रकट करते हुए शिक्षक दिवस को शालीनता व सादगी से आयोजित किया गया। उक्त अवसर पर शिक्षाविद् एवं महान वक्ता विजय कुमार अग्रवाल, चेयरमेन, आदर्श भारती शिक्षण समिति, किरोड़ीमल नगर मुख्य अतिथि रहे। उक्त कार्यक्रम में संस्था के शैक्षणिक प्रमुख एवं प्राचार्य सतीश कुमार पाण्डेय, भरोसराम पटेल (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) प्रणय कुमार अग्रवाल (मैनेजिंग डायरेक्टर), अनुज राम सिदार (सह-सचिव). दिनेश उरांव (कार्यकारिणी सदस्य), संजय कुमार शर्मा (प्राचार्य, हिन्दी माध्यम). प्रियंका जैन (प्राचार्य, अंग्रेजी माध्यम). ममता सिंह (प्रधान पाठिका हिन्दी माध्यम) रीना नाथ (प्रधान पाठिका अंग्रेजी माध्यम) तथा विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ शिक्षक दिवस के प्रणेता एवं सूत्रधार भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन एवं विद्या की जननी माँ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन माननीय मुख्य अतिथि तथा आमंत्रित अन्य गणमान्यों के द्वारा किया गया। विद्यालय के संगीत विभाग द्वारा इस अवसर पर सुमधुर गुरु वंदना एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।

मुख्य अतिथि विजय कुमार अग्रवाल ( चेयरमेन) ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सभी के जीवन में सफलता के पीछे एक शिक्षक का हाथ होता है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे जीवन में अहम महत्व रखते हैं। शिक्षक ही हमें सिखाते हैं कि कैसे हमें अपने जीवन में लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम करना है। शिक्षक ही हमें सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं। शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता ज्ञान से जुड़ा एक रिश्ता है, जिसमें सीखना और सिखाना निरंतर ही चलता रहता है।











संस्था के शैक्षणिक प्रमुख एवं प्राचार्य (सी.बी.एस.ई.) सतीश कुमार पाण्डेय ने सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जीवन वृत्त एवं शिक्षा के क्षेत्र में महान कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे देश में गुरुओं को भगवान व माता-पिता से भी ऊपर का स्थान दिया गया है। भारत में प्राचीनकाल से ही गुरु-शिष्य की परंपरा का बहुत अधिक महत्व रहा है। शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ-साथ उसके चरित्र के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणय कुमार अग्रवाल ने गुरु को महिमा मंडित करते हुए कहा कि जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता शिक्षक ही हमें सही मार्ग पर चलना सिखाते हैं। शिक्षक उस माली के समान है जो एक बगीचे को अलग-अलग रूप रंग के फूलों से सजाता है । विद्यार्थियों व शिक्षकों दोनों का ही दायित्व है कि वे इस महान परंपरा को बेहतर ढंग से समझे और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें।

इस अवसर पर विद्यार्थ भवन के नवनिर्मित ऑडिटोरियम में सी.बी.एस.ई. स्टेट बोर्ड – हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के लगभग 257 छात्र – छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी सी.बी.एस.ई. बोर्ड से श्रीमती इंदिरा सिंह, सी.जी. बोर्ड अग्रेजी माध्यम से श्रीमती रक्षा पाण्डेय, सी.जी. बोर्ड हिन्दी माध्यम से कु. अनुपमा जेना के मार्गदर्शन में नृत्य व गुरु की महिमा पर आधारित लघु नाटिका की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। अक्त अवसर पर शिक्षक शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों को श्रीफल, पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में श्री भरोसराम पटेल (वरिष्ठ उपाध्यक्ष ) के धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ ।