जब अपनों ने कांधा देने से इंकार किया तो खाकी वर्दी ने दिखाई मानवता, आग से झुलसी महिला का विधि विधान से कराया अंतिम संस्कार

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रायगढ़। आग से गंभीर रूप से झुलसी महिला की उपचार के दौरान मौत हो जाने के बाद उसके अंतिम संस्कार से परिजनों ने मुंह फेरा तब खाकी ने मानवता की मिशाल पेश करते हुए विधि विधान से महिला का अंतिम संस्कार कराया। रायगढ़ पुलिस के इस तरह के सराहनीय कार्य की चर्चा होना लाजमी है।

इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक मृतिका रत्नाबाई धनवार (36 साल) निवासी रेगड़ा थाना चक्रधरनगर को लगभग 09 माह से ग्राम गौरबहरी तमनार का राम सिंह सिदार मृतिका को पत्नी बनाकर ग्राम महलोई तमनार रखा था। बीते दिनों अज्ञात कारणों से रत्नाबाई धनवार के आग से झुलसे जाने पर राम सिंह उसे गौरबहरी में छोड़कर चला गया। रत्नाबाई को डायल 112 द्वारा ईलाज के लिये जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, इसी बीच रामसिंह को लोकवा मारने से उसे भी जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, जहां ईलाज दौरान 18 जुलाई को रामसिंह तथा 28 जुलाई को रत्नाबाई का निधन हो गया।













मृतिका रत्नाबाई धनवार की आकस्मिक मृत्यु की सूचना पर कोतवाली पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर ग्राम गौरबहरी तमनार के सरपंच पति, ग्राम कोटवार व अन्य गवाहों की उपस्थित में पंचनामा कार्यवाही जिला चिकित्सालय रायगढ़ में कराया गया।
मृतिका के शव के अंतिम संस्कार के लिये उसके मायके एवं ससुराल पक्ष के लोगों से संपर्क किया गया, जिनके द्वारा आने में असमर्थता जाहिर करने पर मर्ग जांचकर्ता सहायक उप निरीक्षक दिलीप बेहरा द्वारा वस्तुस्थिति से वरिष्ठ अधिकारियों एवं थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक शनिप रात्रे को अवगत कराया गया जिनके निर्देशन पर मृतिका के शव को शासकीय वाहन से सर्किट हाउस रोड़ स्थित मुक्तिधाम ले जाकर थाना कोतवाली के सहायक उपनिरीक्षक दिलीप कुमार बेहरा और आरक्षक विरेंद्र कुमार कंवर द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप श्रृंगी सा. मिटठुमुड़ा रायगढ़, समीर घोष सा. चांदमारी, कैलाश अग्रवाल सा. संजय मार्केट, मनोज देवांगन सा. कोष्टपारा रायगढ़ तथा ग्राम गौरबहरी तमनार के सरपंच पति मोहन लाल सिदार एवं ग्राम कोटवार पीललाल चैहान की उपस्थिति एवं सहयोग से शव का दाह संस्कार कराकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई गई।





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