Raigarh News: जल संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर हो रहे प्रशासनिक प्रयास, लोग भी हैं जागरूक व सहभागी-श्रीमती रश्मि रंजीता

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जल संरक्षण कार्यों को देखने फील्ड में पहुंची नोडल अधिकारी श्रीमती रश्मि रंजीता
जिले में तालाब गहरीकरण, नरवा संवर्धन का किया निरीक्षण, जनप्रतिनिधियों से की मुलाकात
जल शक्ति अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती रश्मि रंजीता ने जिले में देखा कैच द रेन कार्यक्रम अंतर्गत हो रहे कार्य

रायगढ़ टॉप न्यूज 27 जून। जल शक्ति अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती रश्मि रंजीता जिले में कैच द रेन कार्यक्रम के तहत चल रहे कार्यों को देखने पहुंची। उन्होंने तालाब गहरीकरण, नरवा संवर्धन, वृक्षारोपण की तैयारियां देखने के साथ जल शक्ति केंद्र का निरीक्षण किया।
श्रीमती रंजीता ने अमृत सरोवर के तहत किए जा रहे हैं तालाब गहरीकरण के कार्यों को देखा। उन्होंने रायगढ़ विकासखंड के गोपालपुर और खरसिया के मौहापाली ग्राम में अमृत सरोवर के तहत किए जा रहे कार्यों का अवलोकन किया। सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव ने बताया कि अमृत सरोवर से तालाब के रकबे में वृद्धि हुई है। गहराई भी 6 फीट तक बढ़ गई है। तालाबों में जमे गाद की सफाई की गई है। इससे तालाबों की जल संचयन क्षमता डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। इसके साथ ही यहां पिचिंग और पचरी निर्माण का काम भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अमृत सरोवर के 106 तालाबों के साथ कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन पर उद्योगों की सहभागिता से 55 व अन्य मद से 10 तालाबों का गहरीकरण भी किया जा रहा है। श्रीमती रश्मि रंजीता ने संबलपुरी में जल जीवन के तहत चल रहे कार्येां का भी अवलोकन किया।























 

श्रीमती रश्मि रंजीता नरवा संवर्धन के तहत रायगढ़ वन परिक्षेत्र के चक्रधरपुर नरवा में किए गए कार्यों का अवलोकन करने पहुंची। डीएफओ सुश्री स्टायलो मण्डावी ने बताया कि यहां पर राज्य शासन की नरवा योजना के अंतर्गत प्राकृतिक रूप से बहने वाले नाले का उपचार करने तथा जल संचयन को बढ़ाने विभिन्न प्रकार की संरचनाएं बनायी गयी है। जिससे जल का बहाव नियमित हो तथा पानी के साथ बहकर आने वाले अपशिष्टों की छटाई हो सके। इसके लिए नाले में चेक डेम, गेबियन स्ट्रक्चर, कटूर टे्रंच जैसे निर्माण किए गए है। इससे न केवल नाले में जल प्रवाह बढ़ा है बल्कि यहां लम्बे समय तक पानी की उपलब्धता बनी रहती है तथा भूजल को रिचार्ज करने में भी मदद मिल रही है। श्रीमती रश्मि रंजीता ने यहां चल रहे कार्यों को प्राकृतिक नालों को सहेजने की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।

 


श्रीमती रश्मि रंजीता ग्राम पंचायत नौरंगपुर के निरीक्षण में भी पहुंची। यहां उन्होंने सामुदायिक शौचालय में रिचार्ज पिट व स्कूलों में जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि जिले में जल संरक्षण व संवर्धन के लिए व्यापक स्तर पर प्रशासनिक प्रयास किए जा रहे है। जिसमें जनजागरूकता व जनसहभागिता भी नजर आ रही है। उन्होंने यहां पावना अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों के बारे में भी जानकारी ली तथा इसे महिलाओं के स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति एक बेहद जरूरी व महत्वपूर्ण पहल बताया। निरीक्षण के दौरान ईई जल संसाधन श्री गुप्ता, ईई केलो परियोजना श्री पी.आर.फु़लेकर, ईई पीएचई श्री परीक्षित चौधरी सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

जनप्रतिनिधियों से की मुलाकात, जाने उनके अनुभव व सुझाव
श्रीमती रश्मि रंजीता ने निरीक्षण के उपरांत रायगढ़ के जनप्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की। उन्होंने जिले में चल रहे जल संरक्षण व संवर्धन के कार्यों को लेकर जनप्रतिनिधियों के अनुभव जाने व उनके सुझाव लिए। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्राकृतिक रूप से मिलने वाले वर्षा के जल को बेहतर तरीके से संचित करने के लिए जिले के 171 तालाबों का गहरीकरण किया गया है। इसमें जन सहयोग व उद्योगों की सहभागिता भी है। इससे न केवल लोगों को निस्तार के लिए अतिरिक्त पानी मिलेगा बल्कि भूजल रिचार्ज में भी मदद मिलेगी। सभापति नगर निगम श्री जयंत ठेठवार ने कहा कि रायगढ़ की मुख्य नदी केलो के संरक्षण का अभियान शुरू किया गया है। इसमें विभिन्न प्रकार की संरचनाओं के निर्माण के साथ इस मानसून तटों पर वृक्षारोपण की योजना है। लोगों को इस कार्य में शामिल कर इसे वृहत जन अभियान का रूप दिया जा रहा है। इससे केलो में जल की मात्रा व गुणवत्ता को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इस दौरान विभिन्न पंचायतों से पहुंचे सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी उनके पंचायतों में हुए कार्यों के बारे में बताया।

जल शक्ति केंद्र को सराहा, बच्चों के बनाए मॉडल भी देखे
श्रीमती रश्मि रंजीता ने जल संसाधन विभाग कार्यालय में बने जल शक्ति केंद्र का भी निरीक्षण किया। यह जिले में जल से संबंधित आंकड़ों और प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय संस्थान के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने केन्द्र की सराहना करते हुए कहा कि यह जल जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र बनेगा। उन्होंने यहां जिले के जल परियोजनाओं के मॉनिटरिंग से संबंधित सिस्टम का भी अवलोकन किया। उन्होंने यहां स्कूली बच्चों द्वारा कबाड़ के जुगाड से जल संरक्षण और संवर्धन से जुड़े मॉडल भी देखे। बच्चों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, ड्रिप हार्वेस्टिंग जैसे मॉडल बनाए थे। उन्होंने बच्चों से इससे जुड़े सवाल भी पूछे, जिसका जवाब देने देने पर बच्चों की हौसलाफजाई भी की।



































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