रायगढ़ टॉप न्यूज 22 मई 2023। अफसरों की मनमानी ने गरीब जनता के हक के डीएमएफ को किस तरह से बर्बाद किया उसका एक और उदाहरण सामने आया है। वर्ष 21-22 में 1.63 करोड़ के कीटनाशक और माइक्रोन्यूट्रीएंट खरीदकर बांट दिए गए। यह खरीदी भी बीज निगम के जरिए ही की गई। डीएमएफ की राशि की बंदरबांट में कृषि विभाग ने सबसे अहम भूमिका निभाई है। अफसरों ने सुनियोजित तरीके से पहले कीटनाशक बांटने का प्लान बनाया। कृषि विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार करवाया गया। फिर बहुत चतुराई से इसके क्रय करने का आदेश बीज निगम को दिलवाया गया।
बीज निगम रायपुर में सप्लायरों ने पहले ही सब कुछ तय कर लिया था। वर्ष 21-22 में 7026 किसानों के लिए एजाडिरेक्टिन, कीटनाशक और माइक्रोन्यूट्रीएंट क्रय करने का प्रस्ताव बनाया गया। बीज निगम से इसकी सप्लाई कराई गई। इसके लिए भी करीब दो करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे लेकिन कृषि विभाग को 1,63,01,935 रुपए आवंटित किए गए। प्रति किसान 2320 रुपए की सामग्री वितरित की गई। हैरानी की बात है कि आसानी से ब्रांडेड कंपनियों के कीटनाशन खरीदने वाले किसान को कम असरदार घटिया क्वालिटी की सामग्री सप्लाई की गई। बीज निगम के माध्यम से खरीदने के कारण सामग्री को ज्यादा दरों पर खरीदा गया।
बहुत खराब थी गुणवत्ता
किसानों ने चर्चा में बताया कि उनको क्लोरोपायरीफॉस 50 प्रश सायपरमेथ्रिन 5 प्रश, जिंक केडीटीए 12 प्रश और एजाडिरेक्टिन दिया गया था, लेकिन यह असरदार नहीं था। इसे डालने के बाद भी कीटनाशक बाजार से खरीदना पड़ा। रायगढ़ जिले के अलावा सारंगढ़ और बरमकेला में भी किसानों को सामग्री बांटने का दावा किया गया। दरअसल बिना मांग के कीटनाशक क्रय करने का आदेश दिया गया।