Raigarh News: धान के खेतों में सेब की एंट्री…चार एकड़ में 800 पौधे रोपे…600 क्विंटल सेब से होगी 42 लाख की आय

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रायगढ़ टॉप न्यूज 8 मई 2023। ठंडे मौसम में पैदा होने वाले सेब की एक किस्म की खेती जिले के पुसौर के दो गांवों में शुरू की गई है। हिमाचल प्रदेश के एक कृषि वैज्ञानिक द्वारा तैयार विशेष वैरायटी के सेब की खेती 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में भी संभव है। जनवरी-फरवरी के मध्य तेतला और सुर्री में चार एकड़ खेत में 800 पौधे लगा इसकी शुरुआत की गई है।

इससे लगभग 600 क्विंटल सेब का उत्पादन कर किसान 42 लाख तक कमा सकेंगे। अगर धान की कीमत 2800 रुपए प्रति क्विंटल मान लें तो 100 एकड़ खेत में धान की पैदावार (समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 15 क्विंटल की खरीदी) से इतने रुपए मिलेंगे। पुसौर के गांव तेतला में जगदीश गुप्ता के पास 20 एकड़ कृषि भूमि है। जगदीश ने बताया वह धान की खेती करते रहे हैं। उन्नत खेती का मन हुआ तो इंटरनेट में नई फसल के विषय में पड़ताल की, कई वीडियो देखे। गर्म प्रदेशों के लिए सेब की नई वैरायटी का पता चला।























जांजगीर के बिर्रा में कुछ किसानों ने सेब की खेती शुरू की है। किसानों के साथ उद्यानिकी विभाग के कर्मियों को वहां भेजा। इसके साथ ही कृषि व उद्यानिकी विभाग ने सेब की प्रजाति के विषय में बताया तो तेतला में डोलनारायण पटेल ने डेढ़ एकड़ और सुर्री के गोकुल नायक ने डेढ़ एकड़ में सेब की खेती का मन बनाया। कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ ने हिमाचल प्रदेश के कृषि वैज्ञानिक और नर्सरी संचालक हरिमन शर्मा से संपर्क कर 800 पौधे मंगाए।

सेब के साथ पपीता और मिर्च की खेती
पुसौर ब्लाॅक के तेतला में जगदीश गुप्ता ने 200, डोलनारायण पटेल ने 300 और सुर्री में गोकुल नायक ने 300 पौधे लगाए हैं। जनवरी के आखिर में पौधरोपण किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक फल तीसरे साल आएंगे। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ हर 10 हजार दिए जाएंगे। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत खेती में नवाचार के तहत मैनजमेंट फंड से राशि खर्च कर पौधे दिलाए गए हैं।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत उद्यानिकी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बने इनोवेशन फाउंडेशन की मदद से सेब की खेती कराई जा रही है। बिर्रा में भी किसान सेब की खेती के लिए आगे आए हैं।

45 डिग्री तापमान पर भी उत्पादन
गर्म इलाकों के लिए सेब की वैरायटी तैयार करने वाले हिमाचल प्रदेश बिलासपुर के कृषि वैज्ञानिक हरिमन शर्मा ने बताया कि एचआरएमएन-99 रेड नाम की वैरायटी को सालों की मेहनत के बाद तैयार किया है। आमतौर पर सेब ठंडे पहाड़ी इलाकों में पैदा होने वाली फसल है। हिमाचल में बिलासपुर समेत कई जिले हैं, जहां मई- जून में तापमान 42 से 43 डिग्री तक पहुंच जाता है।

इस वैरायटी की सफलता के बाद अब देश के 29 राज्यों में इसकी सप्लाई गई है। एक पेड़ से सालभर में औसत 75 किलो तक सेब का उत्पादन होगा। शुरुआत एक साल तक विशेष देखभाल के बाद इसे दूसरे पेड़ों जितनी ही देखरेख चाहिए।



































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