रायगढ़। खरसिया में ड्रोन सर्वे के बाद बैटरी रिचार्ज करने के दौरान हुए हादसे में अब कई सवालों के जवाब मिलने लगे हैं। बताया जा रहा है कि सर्वे करने वाली रायपुर की कंपनी ने ड्रोन में तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी निर्माता और विक्रेता कंपनी को दी थी। इस मामले में देश की दिग्गज ड्रोन निर्माता कंपनी के सीईओ अंकित मेहता भी फंस गए हैं। पुलिस ने इस हादसे के बाद जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनमें ड्रोन निर्माता कंपनी आईडिया फोर्ज टेक्नोलॉजी, कंपनी सीईओ अंकित मेहता, विक्रेता फर्म स्नेल इन्फॉर्मेटिक्स पुणे के मालिक सत्यवान जाधव और भूषण खोमने के नाम हैं।
सरकार ने रायपुर की कंपनी फ्लाइंग टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस को आबादी सर्वे का काम दिया था। कंपनी की टीम के चार कर्मचारी खरसिया में सर्वे का काम कर रहे थे। कंपनी ने आईडिया फोर्ज कंपनी का क्यू-6 ड्रोन उनके अधिकृत डीलर स्नेल इन्फॉर्मेटिक्स प्रालि पुणे से खरीदा था। इसकी कीमत 15,68,631 रुपए थी। ड्रोन में प्रारंभ से ही तकनीकी समस्या आई थी जिसे आईडिया फोर्ज की टीम ने ठीक किया। दोबारा टेस्टिंग और ट्रायल किया तो ड्रोन आकाशवाणी टावर बीरगांव में क्रैश हो गया था। इसके बाद फ्लाइंग टेक्नोलॉजी के मैनेजर हैदर अली ने ड्र्रोन की कीमत वापस मांगी तो कंपनी ने बीमा कर दिया। इसके बाद कंपनी ने खरसिया में काम शुरू किया। इसी बीच 27 अप्रैल को ड्रोन की बैटरी में ब्लास्ट हो गया।
यूआईएन नंबर भी नहीं
यह बहुत बड़ा मामला है जिसमें ड्र्रोन निर्माण की औपचारिकताएं पूरी ही नहीं की गईं। फ्लाइंग टेक्नोलॉजी ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि कई बार कहने के बावजूद कंपनी ने समस्या दूर नहीं की। आईडिया फोर्ज कंपनी को विक्रय किए गए ड्रोन के बदले डीजीसीए से यूआईएन नंबर लेना अनिवार्य होता है। कंपनी के पास यूआईएन नंबर भी नहीं था।