Raigarh News: 8 साल की मासूम से अनाचार, आरोपी को 20 साल की कडी कैद.. फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट का फैसला

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रायगढ़। 8 साल की मासूम बच्ची से अनाचार के मामले में फास्ट ट्रेक की विशेष अदालत ने आज आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा अर्थदण्ड से दंडित किया है। घटना खरसिया के छोटे मुडपार की है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडिता की मां के द्वारा खरसिया थाना में इस आशय की लिखित शिकायत की गई कि उसकी 8 वर्षीय पुत्री कक्षा तीसरी में पढ़ती है। गत 24 मार्च 22 की सुबह 9 बजे वह अपने दो सहेलियों के साथ पैदल प्राथमिक शाला सड़क पार स्कूल गयी थी, कक्षा में पढ़ाई किये, स्कूल की शाम 4 बजे छुट्टी होने पर पीडिता अपनी सहेलियों के साथ स्कूल के पीछे खेत तरफ से घर आ रही थी कि स्कूल से करीब 100 मीटर की दूरी पर पहुंचे थे, उसी समय आरोपी अमरलाल श्रीवास पिता रेशमलाल श्रीवास उम्र 23 वर्ष निवासी छोटे मुडपार खरसिया वहां पहुंचा और उसकी पुत्री पीडिता को पैसा दूंगा चलो मेरे साथ बोला। पीडिता नहीं जाऊंगी बोली तब आरोपी पीडिता का हाथ जबरदस्ती पकड़कर खींचते गांव के नाला तरफ करीब 100 मीटर ले गया जिसे देखकर उसके सहेली लोग भाग गये। आरोपी गांव के नाला के नीचे पीडिता को ले जा कर उसके साथ अश्लील हरकत करते हुए अनाचार किया।

करीब 4.30 बजे पीडिता पढाई कर घर वापस नहीं आने पर वह पीडिता को खोजने के लिए अपने पडोस के चाचा-चाची के साथ सहेलियों के कहने पर नाले की तरफ जा रही थी तो अमरलाल श्रीवास उन लोगो को देखकर पीड़िता को नाला में छोड़ कर भाग गया, तब पीडिता उसे उक्त बातें बतायी। पीडिता की मां की उक्त लिखित शिकायत पर थाना खरसिया में धारा 363, 376 भा०द०सं० एवं धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी 5 पंजीबद्ध किया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।























 

इस मामले में प्रकरण फास्ट टेªक कोर्ट रायगढ़ में विचाराधीन था। इस मामले में आज फास्ट स्पेशल कोर्ट की विद्वान न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात आरोपी को उपरोक्त धाराओं में दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड न पटाने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताने की व्यवस्था आदेश में की गई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।



































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